किशनगंज :सिविल सर्जन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक आयोजित

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  • स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार से लोगों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति विश्वास बढ़ा
  • त्यौहार के मद्देनजर अन्य प्रदेश से आने वाले सभी व्यक्तियों की जांच आवश्यक

किशनगंज /प्रतिनिधि


जिले में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण तथा सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ हीं नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, आशा, आदि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं । जिला स्वास्थ्य समिति के प्रांगण में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के गुणात्मक सुधार को लेकर जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के मार्गदर्शन में विशेष रणनीति पर अमल किया जा रहा है| प्रखंडवार टीकाकरण, मातृत्व स्वस्थ्य, शिशु स्वास्थ्य परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव,अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है| कहा कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट, डिजिटल एक्सरे , अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ब्लड बैंक , डिलीवरी रूम , सिटी स्कैन, पोषण परामर्श केंद्र , की सुविधा दी जा रही है। सदर अस्पताल में निर्मित ऑक्सीजन प्लांट से सभी रोगियों के लिए निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति बेडो तक कर दिया गया है। वहीं जिले में सीएचसी, पीएचसी, एपीएचसी के निर्माण सम्बन्धी कार्यो को तेजी से करने के बात कही। इसके अलावा सभी लोगो तक बेहतर सुविधा पहुंचाने के लिए हम प्रयत्नशील हैं।
परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने पर जोर
बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।






परिवार नियोजन के लिए अपनाए जाने वाली विधि पीपीआईयूसीडी की जानकारी दी गई। परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी सबसे उपयुक्त माध्यम है।

चिकित्सक व कर्मी महिलाओं को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतर के लिए आईयूसीडी का प्रयोग करने की जानकारी दें। आईयूसीडी लगाने के बाद महिलाओं के शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। महिलाएं चीर फाड़ के नाम पर बंध्याकरण से डरती हैं, उनके लिए आईयूसीडी बेहतर विकल्प है। सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी, गर्भ समापन के बाद पीएआईयूसीडी व कभी भी आईयूसीडी को किसी सरकारी अस्पताल में लगवाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है तो इसके इस्तेमाल से सेहत को कोई नुकसान नहीं है।

स्वास्थ्य सेवाओं के गुणात्मक सुधार से लोगों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति विश्वास बढ़ा :


जिले में स्वास्थ्य सुविधा को सुचारु रूप से क्रियान्वयन करने को सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी के दिशा निर्देश पर कार्य किया जा रहा है। जिससे जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता के मनोबल में वृद्धि हुई है । जिले में 11 लाख 18 हजार लोगों का टीकाकरण लक्ष्य के आलोक में 7.25 लाख लोगों को प्रथम एवं 1.72 लाख को दूसरा डोज दिया जा चुका है। वहीं आने वाले त्यौहार के मद्देनजर बाहर से आने वाले लोगों का टीकाकरण के साथ ही कोविड की अधिक से अधिक जाँच करने के भी निर्देश दिए ताकि कोविड संक्रमण के चेन को तोड़ने में सफलता मिल सके। उन्होंने कहा कोविड मरीजों का विशेष ख्याल रखें । गम्भीर मरीजों को तुरंत रेफर करने के लिए सभी प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन, डॉ देवेन्दर कुमार , जिला कार्यक्रम प्रबंन्धक डॉ. मुनाज़िम, जिला समन्वयक विश्वजीत कुमार , यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, ,केयर के प्रशुनजीत प्रमाणिक, सी -फार के जिला समन्वयक ,सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक, लेखापाल आदि उपस्थित रहे।






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