किशनगंज :जिले में दिव्यांगजनों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था नजदीकी केंद्र पर की गई

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  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा निर्गत यूनिक डिसएबिलिटी पहचान पत्र टीकाकरण के लिए मान्य
  • रोग के लक्षणों को गंभीरता से लेना जरूरी है।
  • छोटी सी लापरवाही के कारण उत्पन्न हो सकता हैं खतरा:

किशनगंज /प्रतिनिधि


कोरोना संक्रमण की चेन खत्म करने में जिला प्रशाषण एवं स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर लगा हुआ है। जिले में जांच से लेकर टीकाकरण अभियान को लगातार तेज किया जा रहा है। इसमें कामयाबी भी मिल रही है। दूसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।कोरोना वायरस से लड़ने एवं सुरक्षा देने के लिए सरकार की ओर से वृहत पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण स्तर पर टीकाकरण कार्य को शत प्रतिशत पूरा करने के लिए टीका एक्सप्रेस के माध्यम से 45 आयुवर्ग से ऊपर के लाभार्थियों के विषय तौर पर अभियान चलाया जा रहा है। ताकि बुजुर्ग लाभार्थी को कहीं औऱ जाने की जरूरत नही पड़े। हालांकि इसके साथ ही अब दिव्यांगजनों के लिए कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए टीकाकरण अभियान में गति लाने के उद्देश्य से टीकाकरण सत्र पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा विकलांग व्यक्तियों के लिए निर्गत यूनिक डिसएबिलिटी पहचान पत्र मान्य होगा। कोरोना टीकाकरण के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराने के लिए सत्र स्थलों पर सुलभ तरीके से उपलब्ध कराए जाने को लेकर बिहार के अपर निदेशक (प्रतिरक्षण) सह राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा ने राज्य के सभी जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। जारी पत्र में यह भी बताया गया है कि दिव्यांग एवं विशेष सहायता की आवश्यकता वाले दिव्यांगजनों को टीकाकृत करने के लिए यूनिक डिसएबिलिटी पहचान पत्र (यूडीआईडी) मान्य होगा।






दिव्यांगजनों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था नजदीकी केंद्र पर : सिविल सर्जन


सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया राज्य के प्रतिरक्षण पदाधिकारी द्वारा दिये गए आवश्यक दिशा-निर्देश के आलोक में दिव्यांग एवं विशेष तौर पर सहायता की आवश्यकता वाले दिव्यांगजनों को कोरोना टीका लगाने में काफ़ी सुविधाजनक होगी। हालांकि वर्तमान समय में भी अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को उनके घर के नजदीक सत्र स्थल संचालित कर उन्हें टीकाकृत करने की दिशा में पहले से ही कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन अब यूडीआईडी पहचान पत्र से दिव्यंगजनों को टीकाकरण कराने में पहले से ज़्यादा सुविधाजनक होगी। जारी पत्र में निर्देशित है कि “डिपार्टमेंट ऑफ़ इम्पावरमेंट ऑफ़ पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीस, मिनिस्ट्री ऑफ़ सोशल जस्टिस एंड इम्पावरमेंट” द्वारा निर्गत यूनिक डिसएबिलिटी पहचान पत्र दिव्यांग एवं विशेष सहायता की आवश्यकता वाले दिव्यांगों को टीकाकरण के लिए मान्य होगा। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 60 वर्ष से अधिक और दिव्यांगों के लिए नियर टू होम कोविड वैक्सीन सेंटर के लिए दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

  • रोग के लक्षणों को गंभीरता से लेना जरूरी है

सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन के मुताबिक वैश्विक महामारी के इस दौर में सबसे पहले रोग के लक्षणों को गंभीरता से लेना जरूरी है। सूखी खांसी, गला सूखना, बुखार, जुकाम कोरोना संक्रमण के शुरुआती लक्षण हैं। कई मरीजों में सूंघने व स्वाद महसूस करने की शक्ति कम या पूरी तरह खत्म हो जाती है। सरदर्द व बदन दर्द के साथ काफी थकान महसूस होने लगता है। इतना ही नहीं सांस लेने में तकलीफ, शरीर में ऑक्सीजन की कमी, सीने में दर्द व दबाव महसूस होना रोग के अन्य लक्षणों में शुमार हैं। शुरुआती दौर में ही रोग की पहचान करते हुए विशेष सावधानी बरतना जरूरी है। नहीं तो बीतते समय के साथ रोग गंभीर रूप लेने लगता है। इसलिये वर्तमान समय में हम सभी को अपने स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाये रखना जरूरी है।






संक्रमण का प्रसार कम होने का मतलब यह नहीं हुआ कि हमलोग सुरक्षित हो गए हैं।


सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया जिले में अभी कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या में काफ़ी कमी आई है। जिले में कुल 250 व्यक्ति अभी भी संक्रमित है प्रसार कम होने का मतलब यह नहीं हुआ कि हमलोग सुरक्षित हो गए हैं। आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपके पूरे परिवार व समाज के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में लोगों की सोच और सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन अतिआवश्यक है। लोगों को समझना होगा की कोरोना का दोनों टीका लेने के बाद ही शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।इसीलिए कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण जरूर कराएं। इसके साथ ही अपने हाथों को समय-समय पर साबुन या पानी से हर आधा घंटे पर धोते रहें। अल्कोहल युक्त सैनिटाइज़र का प्रयोग करते रहें। हाथों में अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर के प्रयोग करते समय अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से लोगों को बचना होगा। सामाजिक दूरी का पालन हमेशा करते रहना चाहिए। बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलते समय बिना मास्क या फेसकवर के नहीं निकलें।






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