आचार्य प्रवर के जन्मदिवस को तेरापंथ युवक परिषद द्वारा”युवा दिवस” के रूप में मनाया गया

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साध्वी श्री डॉक्टर पीयूष प्रभा ने महा तपस्वी परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के 48वें दीक्षा दिवस पर श्रद्धासिक्त अभिवंदना की अभिव्यक्ति की और श्रावक समाज को उनके द्वारा प्रदत्त हर एक इंगित को जीवन मे आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

किशनगंज /संवादाता

अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेरापंथ युवक परिषद किशनगंज द्वारा ‘युवा दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद अपनी शाखा परिषदों के माध्यम से आचार्य प्रवर के जन्मोत्सव को एक विशेष दिवस ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाती है। जिसके अंतर्गत संपूर्ण भारतवर्ष की 350 शाखा परिषदें एकरूपता के साथ कार्य कर अपने आराध्य को अपनी भावनाएं समर्पित करती है। इस वर्ष अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा निर्देशित संकल्पों के कल्पवृक्ष के रूप में त्याग और संकल्प निर्दिष्ट किए गए हैं।






जिसके अंतर्गत तेयुप किशनगंज द्वारा कोरोना एंवम् लाकडाउन की विषम परिस्थितियों में भी आचार्य प्रवर का जन्मोत्सव हर्षोल्लास एंवम् आध्यात्मिकता पूर्वक मनाया गया।इस मौके पर साध्वी श्री डॉक्टर पीयूष प्रभा ने महा तपस्वी परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के 48वें दीक्षा दिवस पर श्रद्धासिक्त अभिवंदना की अभिव्यक्ति की और श्रावक समाज को उनके द्वारा प्रदत्त हर एक इंगित को जीवन मे आत्मसात करने की प्रेरणा दी।नेपाल बिहार तेरापंथ सभाध्यक्ष डॉ राजकरण दफ्तरी ने कोरोना काल मे भी “युवा दिवस” कार्यक्रम के सफलतम आयोजन के लिए परिषद को बधाई देते हुए कहा कि आचार्य श्री महाश्रमणजी के आशीर्वाद से यह कार्यक्रम सफल हो सका है।उन्होंने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस कार्यक्रम का सफलता से सम्पन्न होना एक बड़ी उपलब्धि है।






वहीं स्थानीय परिषद अध्यक्ष अनिल लूणिया ने जानकारी देते हुए कहा कि युवा शक्ति ने इस अवसर पर सैकड़ों त्याग और संकल्प के प्रत्याख्यान किये गये । युवा दिवस के उपलक्ष में त्याग और संकल्प के आह्वान के साथ ही संपूर्ण धर्मसंघ में अपने आराध्य को त्यागमय भेंट देने की होड़ लग गई।जिसमें एक त्याग से लेकर 48 त्याग तक के संकल्प लिए गए। परिषद के सदस्यों एंवम् सम्पूर्ण समाज ने 25 से अधिक संकल्प किये। गौरतलब है कि तेरापंथ धर्म संघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी भारत एवं नेपाल में 50,000 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा के माध्यम से लाखों लोगों को नशा मुक्त बना चुके हैं। आचार्य श्री महाश्रमण का जीवन अध्यात्मनिष्ठा, संघनिष्ठा, राष्ट्रनिष्ठा का अभूतपूर्व समन्वय है। आचार्य महाश्रमण आत्म कल्याण के साथ-साथ मानव कल्याण के लिए भी समर्पित भाव से लोगों का उत्थान करने के लिए समर्पित है। अपने आचार्य के इंगित अनुसार चलने वाली युवा शक्ति संपूर्ण देश भर में धार्मिक एंवम् सामाजिक क्षेत्र में कार्य करते हुए समाज एवं राष्ट्र के उत्थान में प्रशंसनीय योगदान दे रही है। बताते चलें कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के सदस्य कोरोना की विषम परिस्थिति में देशभर में अब तक 40,000 से अधिक यूनिट रक्त एवं 2,000 से अधिक यूनिट प्लाज्मा जरूरतमंदों को दान कर चुके हैं। रक्तदान के क्षेत्र अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के नाम सर्वाधिक रक्तदान के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित अनेकों कीर्तिमान दर्ज है। इस महनीय सेवा के लिए देश के अनेक सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा समय-समय पर सम्मानित किया जाता है।






इसके अतिरिक्त संपूर्ण भारत वर्ष में 60 आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर के माध्यम से उचित मूल्य पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। आपदा के समय तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए तेरापंथ टास्क फोर्स सदैव तत्पर रहती है वहीं नेत्रदान की टीम किसी के निधन होने पर त्वरित नेत्रदान करवा कर लोगों के जीवन में रोशनी भरने का काम कर रही है। जैन संस्कार विधि, व्यक्तित्व विकास कार्यशालाएं, कॉन्फिडेंट पब्लिक स्पीकिंग, युवा वाहिनी जैसे अनेक उपक्रमों के माध्यम से समाज राष्ट्र के विकास में अपना अभूतपूर्व योगदान कर रही है।






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