Omicron:हेल्थ वेलनेस सेंटर के सफल संचालन का होगा प्रयास, सभी सेंटरों पर उपलब्ध होगी ओपीडी सेवाएं

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ओमिक्रोन को देखते स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर टिकी विभाग की निगाहें

सदर अस्पताल के पेडिएट्रिक वार्ड में 40 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की व्यवस्था

चिकित्सा कर्मी एवं पारामेडिकल कर्मी 24 घंटे रहेंगे तैनात

विदेश से लौटने वाले सभी व्यक्तियों की जांच 

किशनगंज /प्रतिनिधि 

जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। संक्रमण के इस नए वैरिएंट की रोकथाम के संबंध में जिला स्तर पर जरूरी दिशा निर्देश दिया गया है। जिलों में पहले से बनाए गए डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं  कोविड केयर सेंटर में बेड और उपकरणों की साफ सफाई कर क्रियाशील करने के आदेश दिए गए हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर कोराना के मरीजों को भर्ती किया जा सके। इसके साथ ही ओमिक्रोन के प्रबंधन को लेकर भारत सरकार से जारी दिशा-निर्देश का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है । साथ ही विदेश से जिला लौटने वाले प्रवासियों की सूची प्रतिदिन प्राप्त हो रही है । सूची के आधार पर चयनित व्यक्तियों से संपर्क कर उनके घर पर स्वास्थ्य कर्मियों को भेजकर सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। विदेश से आने वाले व्यक्ति की आर.टी.पी.सी.आर. जांच करना सुनिश्चित किया जा रहा है ।






 वहीं नए वैरिएंट ओमिक्रोन को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग की निगाहें सतही स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर टिकी हैं । इसमें हेल्थ वेलनेस सेंटर की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हेल्थ वेलनेस सेंटर पर गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, गर्भवती महिलाओं की एएनसी की सेवाएं, डिलवरी प्वाइंट सहित अन्य जरूरी जांच की सुविधा उपलब्ध है। हेल्थ वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार जिला व प्रखंड स्तरीय चिकित्सकीय संस्थानों पर मरीजों के दबाव को कम करने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 

सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रशाद ने बताया जिले में 13 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित हैं। जहां  10 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉ की तैनाती की गयी है। वहीं  03 वेलनेस सेंटर में सामुदायिक स्वाथ्य पदाधिकारी हैं । इससे नए वैरिएंट ओमिक्रोन की संभावना  को कम करने में मदद मिलेगी। इसका संचालन फिर से शुरू होने पर डायबिटीज, हाइपरटेंशन व टीबी जैसे रोगों की ससमय जांच कर इसका समुचित इलाज संभव हो सकेगा। यहाँ सुविधा उपलब्ध कराने के लिये ई संजीवनी के माध्यम से ओपीडी सेवाएं उपलब्ध करायी गयी हैं।

पेडिएट्रिक वार्ड में 40 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की व्यवस्था-

सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल में नव निर्मित चाइल्ड फैंडली डेडिकेटड पेडिएट्रिक  वार्ड में 40 बेड पूरी तरह से वातानुकूलित एवं पाइपलाइन ऑक्सीजन युक्त है। उन्होंने बताया बच्चा वार्ड का निर्माण चाइल्ड फ्रेंडली डेडिकेटड पेडिएट्रिक  वार्ड की तर्ज पर कराया गया है। जिसमें इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था रहेगी। वेंटिलेटर तथा अन्य आधुनिक तकनीकी सहायता से यहां जिलेवासियों का इलाज किया जाएगा। जिसमें 02 से 05 वर्ष के बच्चों के उपचार को  आवश्यक चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सदर अस्पताल में एस एन सीयू भी कार्यरत है। जहां  0 से 02 माह के नवजात शिशु की गंभीर स्थिति में इलाज किया जाता है।

संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की पूर्व तैयारी को लेकर निर्देश दिया गया  

सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया  जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के निर्देशानुसार  जिले में जिस प्रकार संक्रमण की  पहली एवं दूसरी लहर का डट कर सामना किया गया है, ठीक उसी प्रकार आने वाले समय में संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर जिला प्रशासन  एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। उसके लिए स्वास्थ्य सुविधा को सुचारू  रूप से क्रियान्वयन करने को  जिले के सातों प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। जिसमें कोविड -19 की  टेस्टिंग, ट्रीटमेंट एवं वैक्सीनेशन के कार्यों के अलावा पीएचसी में कम से कम 10 बच्चों वाला बेड तथा आवश्यक सुविधा उपलब्ध करने का दिशा निर्देश दिया गया है ।






चिकित्सा कर्मी एवं पारामेडिकल कर्मी 24 घंटे रहेंगे तैनात-

सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया  संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में नव निर्मित वार्ड में चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गयी है, जो रोस्टर के अनुसार चौबीसों घंटे रहकर कार्य करेंगे। साथ ही डॉक्टर ड्यूटी रूम् , कंट्रोल रूम् , ऑक्सीजन रूम्  व हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गयी है। वार्ड में चिकित्सीय सेवा प्रदान करने को  डॉक्टर और सपोर्टिंग पारा मेडिकल स्टॉफ  को चिह्नित करते हुए लगाया गया है। 

बच्चों को कोविड- 19 से संक्रमित होने से बचायें।

सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया  कि बच्चे जिनकी आयु अभी कम है उनको आगे भी स्वस्थ्य रहने के लिए आवश्यक है कि वे कोविड- 19 के वायरस से संक्रमित न होने पायें। इन्हें अभी से मास्क पहनने, दो गज की शारीरिक दूरी बनाये रखने एवं हाथों को बार-बार धोने की आदतों को अपनाने की सलाह दी । यह अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। आगे भी इन आदतों का पालन करना पड़ेगा, अभी कोविड- 19 खत्म नहीं हुआ है। एक भी संक्रमित व्यक्ति कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।






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