किशनगंज :जिले में ढाई दर्जन से अधिक बाढ़ प्रभावित गाँवों में बाढ़ सुरक्षात्मक/संघर्षात्मक कार्य के लिए सांसद डॉ जावेद आजाद ने लिखी डीएम को चिट्ठी

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महानन्दा और उनकी सहायक नदियों के कटान से प्रभावित गाँवों को बचाने की मुहीम में जुटे सांसद डॉ मो0 जावेद आजाद

किशनगंज/रणविजय


बिहार राज्य के सीमावर्ती जिला किशनगंज की आवाम प्रत्येक वर्ष बाढ़ जैसी विनाशकारी आपदा का दंश झेलने को विवश होती है।जिले की प्रमुख नदियां महानन्दा,डोंक,बूढी कनकई,मेंची,रमजान इत्यादि नदियों के किनारे बसे सैकड़ों गाँवों की आबादी,खेतीबाड़ी बाढ़ आपदा की चपेट में आकर प्रत्येक वर्ष प्रभावित होते हैं।दर्जनों परिवार बेघर होकर विस्थापितों की जीवन जीने को मजबूर होते हैं तो कइयो की उपजाऊँ भूमि इन नदियों के जद में समा जाती है। और इसी बाढ़ प्रभावित आपदा से सम्बंधित गांवों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से किशनगंज के सांसद डॉ मोहम्मद जावेद आजाद ने 11 जून शुक्रवार के दिन जिले के डीएम डॉ आदित्य प्रकाश को पत्र लिखकर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य,बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराने हेतु अनुरोध किया है।






सांसद डॉ मो0 जावेद ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि मेरे लोकसभा क्षेत्र किशनगंज जिला के अंतर्गत नदियों के कटान को रोकने हेतु बाढ़ सुरक्षात्मक,बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराया जाना अति आवश्यक है।सांसद डॉ मोहम्मद जावेद आजाद ने डीएम डॉ आदित्य प्रकाश को लिखे पत्र में लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत किशनगंज जिला के किशनगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज,बहादुरगंज,पोठिया,टेढ़ागाछ एवम् दिघलबैंक प्रखंडों के 34 कटान प्रभावित गाँवों की सूची उपलब्ध कराते हुए जल्द से जल्द इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई हेतु अनुरोध किया है।बहरहाल,सांसद के पत्र का कितना असर होता है यह तो देखने वाली बात होगी।लेकिन सच यह भी है कि सांसद के पहल पर सम्बंधित गांवों में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य व संघर्षात्मक कार्य को अंजाम दिया जाता है तो जिले में प्रभावित गाँवों की एक बड़ी आबादी को इससे काफी राहत मिलेगी।






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