किशनगंज :डाकपोखर से मालोबाड़ी जानेवाली कच्ची सड़क वर्षों से बदहाल,ग्रामीणों को उद्धारक की तलाश

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किशनगंज /विजय कुमार साह

टेढ़़ागाछ प्रखंड के डाकपोखर पंचायत के मालोवाड़ी गांव स्थित बेणुगढ़ से मालोवाड़ी व सिरनियाँ जाने वाली सड़क 1987 के बाढ़ में हीं ध्वस्त हुआ था। जो आज तक नहीं बन पाया है।जिससे स्थानीय लोगों को आने- जाने में काफी परेशानी हो रही है।बाभन टोली, मालोवाड़ी, सिरनियाँ, मालीटोला,बलुआडाँगी, निरनियाँ, हरहरिया, बाँसवाड़ी गांव के लोग कमर भर पानी पार कर ग्राम कचहरी, ग्राम पंचायत भवन डाकपोखर, हाईस्कूल बेणुगढ़ व हाट बजार बड़ी मुश्किल से आते जाते हैं।






ग्रामीणों ने बताया कि मालो वाड़ी गांव आज भी टापू में तब्दील है यहाँ जाने के लिए आज भी कमर भर पानी पार करना पड़ता है।इस गांव तक दो पहिया वाहन तक नहीं पहूँचता है ।बरसात में बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए केला के पेंड़ का नाव हीं सहारा है । ताला टुडू,राजू टुडू,मुंशी टुडू,सुनिल मरांडी,चुटका मुर्मु, टुरु मरांडी,हाकिम टुडू, मंगली मरांडी,देवना टुडू, सुमी मरांडी,सुनिता टुडू आदि ग्रामीणों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध काफी आक्रोश व्याप्त है।ग्रामीणों का मानना है कि आदिवासी गांव होने के कारण उनसे आज तक केवल भेदभाव हीं किया गया है। इस गांव के लोगों को जान बुझ कर उपेक्षित रखा गया है ।आज तक इस गांव को शुद्ध पानी, सड़क,नाली, पुल पुलिया,तक की व्यवस्था जन प्रतिनिधियों के तरफ से नहीं किया गया है।कितने चुनाव बीत गए पर आज भी इस क्षेत्र को विकास से महरुम रखा गया है।ग्रामीणों ने कहा मजदूर वर्ग कहें या मजबूर वर्ग हमारे गांव की कोई सुधी लेने वाला नहीं है।अब किसी तारणहार की राह देख रहे हैं जो इस जर्जर कच्ची सड़क व चार जगहों पर बाढ़ से ध्वस्त पूलिया का निर्माण करा सकें व परेशानियों से मुक्ति दिला सके।






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