किशनगंज :यास चक्रवात को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड में,डीएम डॉ आदित्य प्रकाश ने की बैठक,स्थापित किया गया कंट्रोल रूम

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जिला पदाधिकारी,डॉ आदित्य प्रकाश के द्वारा किशनगंज जिले के सभी बीडीओ, सीओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल बैठक आयोजित की गई।

किसी भी जानकारी या सूचना के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 06456-225152 पर कर सकते है संपर्क।

जिलाधिकारी ने कहा सावधानी बरतकर यास चक्रवात के प्रभाव को कम से कम किया जा सकता है।

किशनगंज /प्रतिनिधि

जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने चक्रवाती तूफान यास को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश उन्होंने दिया है ।

डीएम ने बैठक में बंगाल की समुद्री सीमा से गुज़रने वाले चक्रवाती तूफान यास के कारण बिहार में जारी अलर्ट के बारे में सबको अवगत कराया गया। बताया गया कि भारत के पूर्वी समुद्री तट पर एक और चक्रवाती तूफान यास के टकराने की स्थिति बन रही है। जिसका प्रभाव बिहार के कुछ हिस्सों समेत किशनगंज में भी पड़ने की पूरी संभावना है। बताया गया कि दिनांक 27 मई से 30 मई तक किशनगंज जिला के मौसम पर इसका भारी असर दिख सकता है, जिसके अंतर्गत तेज हवाओं के साथ बारिश एवं वज्रपात की संभावना है।






मालूम हो कि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सुपर साइक्लोन यास के कारण पूरे बिहार में 26 मई से तेज़ बारिश और आंधी की चेतावनी दी गई है। इसके कारण जिले में तूफान के साथ तेज बारिश एवं वज्रपात की आशंका भी जताई जा रही है।

जिला पदाधिकारी द्वारा सभी बीडीओ, सीओ एवं एसएचओ को निर्देश दिया गया कि इस चक्रवाती तूफान के कारण होने वाली तेज बारिश एवं वज्रपात से संबंधित जानकारी आम जनता को पहले से ही दे दी जाए ताकि आमजनों को इससे अवगत कराकर वज्रपात से होने वाले जान- माल कि क्षति को रोका जा सके। मौसम विज्ञान विभाग के इंपैक्ट एसेसमेंट में दिनांक 27 -28 मई 2021 को किशनगंज जिले में इसका सबसे ज्यादा असर दिखने की संभावना है। जिले में *इस चक्रवाती तूफान के असर के दौरान लोगों से बेवजह घर से बाहर न निकलने की अपील की गई है।

जिला पदाधिकारी ने फसल क्षति,वर्षापात,नदियों के जल स्तर की निगरानी,तटबंध की सुरक्षा हेतु सी ओ समेत संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारियों को आवश्यक तैयारियो और असेसमेंट के निर्देश दिए तथा संभावित बाढ़ में संलग्न होने वाले कर्मियो को प्राथमिकता के साथ टीकाकरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।साथ ही कार्यपालक अभियंता, विद्युत विभाग को निर्देश दिया गया है कि पूरे जिले में बिजली के खंभों, वायरिंग इत्यादि की जांच पहले से ही करा लें ताकि चक्रवाती तूफान से बिजली के खंभों एवं तारों इत्यादि के नुकसान को कम किया जा सके।उन्होंने कहा कि विधुत आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है,इसलिये इसकी भी तैयारी कर ले एवम यह ध्यान रखे कि किसी भी हाल में विधुत आपूर्ति के अभाव कोविड सेन्टर एवम निजी अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीज को कोई समस्या नही हो।






जिसे लेकर आफाक अहमद,डीसीएलआर और अमन कुमार सुमन, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को निजी डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर में निर्बाध बिजली आपूर्ति की निगरानी किए जाने का दायित्व सौंपा गया है।उन्होंने कहा कि सभी नगर निकाय सभी आवश्यक तैयारी कर ले। उन्होंने जिला नियंत्रण कक्ष को 24 घण्टे पूरी सक्रियता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी जानकारी या सूचना के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 06456-225152 पर संपर्क कर सकते है।

जिला प्रशासन द्वारा ठनका (बज्रपात) से बचाव हेतु कुछ सावधानियां बरतने का निर्देश जारी किया गया हैं. जो निम्नवत हैं ।






बज्रपात के समय यदि आप खुले में हो तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण ले लें।
सफऱ के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें।
समूह में न खड़े हो,बल्किअलग-अलग खड़े रहें ।
यदि आप जंगल में हो तो बौने एवं घने पेड़ों में शरण ले लें।धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर रखें ।


आसमानी बिजली के झटका से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाएं । स्थानीय रेडियो एवं अन्य संचार साधनों पर मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।
यदि आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पायें तो जहां है वहीं रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे – लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन के तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन में सटने न दें।
जमीन पर कदापि न लेटें।

इसके साथ ही भारी वर्षा एवं वज़्र पात के समय निम्न बातों का ध्यान जरूर रखी जानी चाहिए*:

ठनका (बज्रपात) के समय खिड़कियाँ, दरवाजे, बरामदे के समीप तथा छत पर नहीं जायें। तालाब और जलाशय के समीप न जायें।
बिजली के उपकरण या तार के साथ सम्पर्क से बचें व बिजली के उपकरणों को बिजली के सम्पर्क से हटा दें।
ऐसी वस्तुएं, जो बिजली की सुचालक है, उससे दूर रहें।
बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
ऊँचे इमारत (मकान) वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें।
बिजली एवं टेलीफोन के खंभो के नीचे कदापि शरण नहीं ले, क्योंकि ऊँची वृक्ष, ऊँची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
पैदल जा रहें हो तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें। यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छूएँ।जब तक बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर नही जाए।

उक्त बैठक में ब्रजेश कुमार, अपर समाहर्त्ता,रबीन्द्रनाथ गुप्ता,अपर समाहर्त्ता (लोक शिकायत निवारण) राहुल बर्मन,रबीन्द्रनाथ गुप्ता,डीटीओ,एसडीएम,शाहनवाज अहमद नियाजी,एसडीपीओ जावेद अंसारी, डीपीआरओ,अमित कुमार, सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।






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