किशनगंज :18 महीने से बंद पड़े भारत -नेपाल सीमा को खोलने का लिया गया निर्णय , सीमावर्ती इलाके के लोग उत्साहित

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गलगलिया /चंदन मंडल

नेपाल सरकार ने करीब 18 महीने से बंद पड़ी भारत -नेपाल सीमा को खोलने का निर्णय लिया है। नेपाल कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय पर मुहर भी लग गयी है। हालांकि, नेपाल सरकार द्वारा सीमा खोलने की तारीख तय नहीं की गयी है, लेकिन माना जा रहा है कि इसी महीने में सामान्य आवागमन शुरू हो जाएगा। सीमा कब से खोली जाएगी, इसकी फैसला वहां की राज्य सरकारों को करना है। कैबिनेट के फैसले से दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों के लोग उत्साहित हैैं।और बेसब्री से सीमा खुलने का इंतजार कर रहे हैैं। लोग उम्‍मीद कर रहे हैं कि सीमा इसी माह खोल दी जाएगी। भारत व नेपाल के सीमावर्ती इलाके के लोगों को रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए दिन में कई बार भारत से नेपाल में आना-जाना पडता है। सीमा खुल जाने से इनलोगों के लिए आसानी हो जाएगी।गौरतलब हो कि मंगलवार को नेपाल कैबिनेट ने यह निर्णय लिया था ।जिसके बाद से लोग उम्मीद लगाए हैं कि भारत की तरफ से कोई निर्देश जारी किया जाएगा।






कोरोना वायरस के कारण 22 मार्च 2020 से लगी है आवाजाही पर रोक

कोरोना संक्रमण को देखते हुए नेपाल सरकार ने 22 मार्च, 2020 से भारत सीमा से आवाजाही पर रोक लगा रखी है। केवल मालवाहक वाहनों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। पर्यटकों पर भी पाबंदी है। जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की आवश्यकता है, वह पानीटंकी काक भिट्ठा पूल होकर आ-जा सकते हैैं। सीमा खुलने से आवागमन सामान्य हो जाएगा, हालांकि वहां के अधिकारियों को आदेश का इंतजार है।

बॉर्डर खुलने की सूचना पर उत्साहित हैं सीमावर्ती इलाके के लोग, आदेश का इंतजार

सीमावर्ती इलाके के लोग बॉर्डर खुलने की सूचना को लेकर काफी उत्साहित हैं।भद्रपुर भंसार कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि अभी गलगलिया-भद्रपुर बॉर्डर होकर मालवाहक वाहनों के प्रवेश की ही अनुमति है। सीमा खोलने का आदेश आने पर उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में सीमा खुलने का निर्णय ले लिया गया है लेकिन राज्य या जिला प्रशासन के पास अभी तक कोई आदेश नहीं पहुंचा है।






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