किशनगंज :जिला पदाधिकारी ने दीप प्रज्वल्लित कर की पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत,पोषण परामर्श केंद्र में लगाए गए विभिन्न तरह के पोषण स्टॉल

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कुपोषण दूर करने के लिए पोषणयुक्त पौधे अवश्य लगाये

किशनगंज /प्रतिनिधि

जिलावासियों को पोषण की सही जानकारी देने और उन्हें पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए (आईसीडीएस) द्वारा पूरे सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रखंड से लेकर ग्रामीण स्तर तक विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आईसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी जा रही है। इसी क्रम में गुरुवार को जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्र के निकट जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के द्वारा दीप प्रज्वल्लित कर पोषण परामर्श केंद्र का शुभारंभ किया है।

जिला पदाधिकारी ने बताया की बच्चों में दुबलापन तथा महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया हमारे लिए चुनौती है| इसमें सुधार लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं| पोषण पखवाड़ा एक बेहतर अवसर है जब हम सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पोषण पर जागरूक कर सकते हैं| साथ ही एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है| |पखवाडा के दौरान लोगों को पोषण संबंधी जानकारी देने के लिए जिले के अलग अलग क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए पोषण पखवाड़े की शुरुआत की गई है ।

इस दौरान पोषण पुनर्वास केंद्र से समाहरणालय तक रैली का भी आयोजन किया गया | उद्घाटन समारोह में जिलाधिकारी के साथ आईसीडीएस डीपीओ मंजूर आलम, सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन , जिला कार्यक्रम समन्वयक विस्वजित कुमार , पोषण अभियान जिला समन्यवक मंजूर आलम , प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना के जिला समन्यवक सहबाज आलम , सभी सीडीपीओ, केयर इंडिया, अन्य महिला पर्यवेक्षिका उपस्थित रहे।







गर्भवती महिला को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर की गई गोद भराई की रस्म :


पोषण परामर्श केंद्र में जिलाधिकारी द्वारा गर्भवती महिलाओं का गोदभराई की रस्म भी की गयी। मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरूप पोषण की थाली भी भेंट की गयी। जिसमें सतरंगी व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। वहीं, सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इस सम्बंध में जिलाधिकारी ने बताया की सितंबर माह प्रतिदिन सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण के पांच सूत्र तैयार किये गये हैं। पहला सुनहरा 1000 दिन, डायरिया प्रबंधन, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एंव साफ-सफाई, एनिमिया प्रबंधन शामिल है।

इन पांच सूत्रों से कुपोषण पर लगाम लगाने की तैयारी की गयी है।

जिले के सभी प्रखंडों के आंगनवाड़ी केंद्रों में रंगोली बनाकर, पोषण वाटिका तथा रैली के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करना है। उन्होंने बताया कि पोषण माह का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चों, किशोरों एवं महिलाओं को कुपोषण मुक्त, स्वस्थ और मजबूत बनाना है। इसके लिए आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा लोगों को सही पोषण के लिए जागरूक करने के साथ ही गर्भावस्था में और बच्चों का ऊपरी आहार, खानपान के प्रति सजग होने, शिशु जनित रोगों से मुक्ति के लिए सही जानकारी दी जा रही है।

जिला पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत :


जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने पोषण पुनर्वास केंद्र में जिला पोषण परामर्श केंद्र की भी शुरुआत की जहा लोगों को पोषण सम्बन्धी विषयों पर जानकारी दी जाएगी। इसमें लोगों को महिलाओं और शिशुओं के सही समय में सही पोषण दिए जाने की जानकारी दी जाएगी। लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं कन्या उत्थान योजना की भी जानकारी दी जाएगी ताकि सभी लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। मौके पर जिलाधिकारी ने बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन भी जिला पदाधिकारी के द्वारा किया गया |

कुपोषण दूर करने की कवायद तेज


जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया की एसडीजी लक्ष्य 2.2 के अनुसार, सभी प्रकार के कुपोषण को 2030 तक खत्म करना है। इसमें 2025 तक अंतरराष्ट्रीय सहमति से निर्धारित पांच साल के बच्चों में स्टंटिंग (उम्र के अनुसार कम लंबाई) और वेस्टिंग (लंबाई के अनुसार कम वजन) के लक्ष्य के साथ ही किशोर लड़कियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बुजुर्गों की पोषण की जरूरतों को हासिल करने का लक्ष्य भी शामिल है। एसडीजी लक्ष्य 3.2 के मुताबिक, 2030 तक नवजातों और पांच साल तक के बच्चों की रोकी जा सकने वाली मौतों पर लगाम लगाना है। उन्होंने बताया की जन्म लेने के एक घंटे बाद ही शिशु को स्तनपान करवाना अनिवार्य है । छह महीने तक विशेष स्तनपान और उसे दो साल तक बरकरार रखना, छह महीने के बाद शिशु को ठोस आहार देना और उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्चों को विविधतापूर्ण भोजन भी दिया जाना चाहिए ताकि बढ़ती उम्र में उसे जरूरी पोषक तत्व मिल सकें।







प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना की दी गई जानकारी:


उक्त कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना के जिला समन्यवक सहबाज आलम के द्वारा महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की भी जानकारी में बताया की प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना द्वारा सभी महिलाओं को पहली बार मां बनने पर तीन किस्त के माध्यम से 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके लिए राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान विशेष कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें लाभुकों को दूसरे एवं तीसरे किस्त का भुगतान भी किया जा रहा है।


कुपोषण दूर करने के लिए पोषणयुक्त पौधे अवश्य लगाये।


जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया की जिले में खाद्य वानिकी पोषण युक्त पौधों के माध्यम से प्रत्येक केंद्र पर बेल, जामुन, आंवला, पपीता, खजूर, अमरूद, सहजन, अनार आदि में से कम से कम 4 पौधों को लगाया जाना है| आंगनबाड़ी केंद्र एवं पोषक क्षेत्र में प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र जहां पौधे लगाने के लिए स्थान की उपलब्धता हो एवं जहां जगह हो वहां कुछ प्रमुख पौधे जैसे सहजन, पपीता, अमरूद, नींबू का पौधरोपण किया जाना है|


एनीमिया व कुपोषण को दूर करने में पोषक तत्वों का सेवन जरूरी ।


जिले भर में संचालित पोषण संबंधी गतिविधियों की जानकारी देते हुए डीपीओ मंजूर आलम ने बताया महिला व युवतियों में होने वाले एनीमिया के साथ-साथ बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये उचित पोषक आहार का सेवन जरूरी है| उन्होंने कहा अगर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सही पोषण मिले तो उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाया जा सकता है| एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है| पोषण पखवाड़ा के अलावा आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से समय-समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न गतिविधियों में माध्यम से पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान संचालित किया जाता है| इसमें हरी साग सब्जी, पालक, बथुआ, मेथी, गाजर, चना, सोयाबीन सहित अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन की सलाह दी जाती है|






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