भारत- नेपाल सीमा सील होने से सीमावर्ती इलाकों के लोगों को बढ़ी दिक्कतें

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ये सभी लोग रोजी रोटी के लिए नेपाल पर थे निर्भर

नेपाल के बिर्तामोड़ स्तिथ भारतीय ग्राहकों पर आश्रित आंख अस्पताल सहित कई पर्यटक स्थल है सुनसान

सीमा पर आवाजाही ठप होने से रिश्तेदारों को भी मिलने जुलने में हो रही है परेशानी

खोरीबाड़ी /चंदन मंडल

भारत – नेपाल सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीण जिनका नेपाल से रोटी और बेटी का संबंध है आज कल कठिनाइयों से गुजर रहे हैं । दार्जीलिंग जिले के नक्सलबाड़ी , पानीटंकी , खोरीबाड़ी सहित खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के डांगुजोत , मैनागुड़ी , नायाहाट , सोनापिंडी व डुब्बाजोत आदि यह सभी भारत-नेपाल की सीमा से सटा हुआ है। यहां एक ओर कदम रखो तो भारत और दूसरी तरफ रखो तो नेपाल लग जाता है। यहां के ज्यादातर लोग कामकाज करने नेपाल जाया करते थे। कोई वहां रिक्शा चलाता था, कोई मजदूरी करता था। किसी की दुकान थी तो कोई घर बनाने का राज मिस्त्री वाला काम करता था, लेकिन इन दिनों ये सभी लोग चिंतित हैं। किसी के पास कोई काम नहीं है। सभी लोग बेरोजगार हो गए हैं।






ये सभी लोग रोजी रोटी के लिए नेपाल पर निर्भर हैं। अभी इनके पास कोई काम नहीं है।जिससे इनलोगों को रोजी रोटी के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । वहीं बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक भी हाट बाजार करने भारतीय इलाकों में आते थे, लेकिन कोरोना कि वजह से सीमा के आर-पार आने-जाने पर पूरी तरह से एसएसबी व नेपाल प्रशासन द्वारा पाबंदी लगा दी गयी है। एसएसबी जवान हर चेक पोस्ट पर पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी भी कर रहे हैं और नेपाल नागरिकों को भारत में प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी तो वही नेपाल सशस्त्र बल द्वारा भी चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही हैं और भारतीय नागरिकों को नेपाल में प्रवेश करने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गयी है। जिससे ना सिर्फ रोजी रोटी बल्कि रिश्तों में भी दूरियां बढ़ी है । स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की हमलोगों का नेपाल से ही रोजी रोटी चलता था। कोरोना के कारण सीमा पर आवाजाही ठप होने से हमलोगों को काफी दयनीय स्थिति हो गयी है।






इस महामारी में क्या काम करें क्या ना करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है ।
और न ही हम जैसे लोगों को रोजगार को लेकर सरकार कोई ठोस कदम उठा रही है। अब हमलोगों का क्या होगा ? भगवान ही मालिक है। बता दें कि कोरोना के कारण सीमा पर आवाजाही ठप है। लोगों के बीच थोड़ी दूरी बनी हुई है , भारत – नेपाल में रह रहे रिश्तेदारों को मिलने जुलने में परेशानी हो रही है। सीमावर्ती इलाके और नेपाल में जिन भारतीयों का व्यापार है उनकी दिक्कतें बढ़ी है। उनका व्यापार कोरोना वायरस को लेकर ठप है। इधर सीमा पर आवाजाही ठप होने से सीमावर्ती क्षेत्र पानीटंकी व नक्सलबाड़ी बाजार भी सुनसान है, वहीं नेपाल के बिर्तामोड़ स्तिथ भारतीय ग्राहकों पर आश्रित आंख अस्पताल सहित कई पर्यटक स्थल सुनसान है। सीमा सील रहने के कारण , बेटी- रोटी के सम्बंध पर भी प्रभाव साफ साफ दिख रहा है । दोनों ओर के लोग परेशान हैं , दोनों ओर के लोग अपने रिश्तेदार सगे संबंधियों के यहां नहीं जा पा रहे हैं। साथ ही शादी – विवाह, श्राद्ध सहित अन्य कार्यक्रमों में लोगों को जाना जरूरी रहता है, लेकिन सीमा सील रहने के कारण लोग एक दूसरे के यहां नहीं जा पा रहे हैं। दोनों ओर के लोग इलाज व धार्मिक यात्रा पर भी नहीं जा पा रहे हैं।






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