हमारा अध्यात्म कोई चमत्कार नहीं वरन् श्रेष्ठ चिंतन, महान चरित्र एवं श्रेष्ठ व्यवहार है -श्री श्यामानंद झा 

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दो दिवसीय गायत्री यज्ञ सह संस्कार महोत्सव संपन्न

कार्यक्रम में वृक्षारोपण-अभियान के तहत फलदार एवं छायादार वृक्ष परिजनों द्वारा लगाया गया 

डेस्क /न्यूज लेमनचूस

अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रशाखा किशनगंज द्वारा वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र श्री श्यामानंद झा सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित की अध्यक्षता में  गगरिया, पूर्णिया में दो दिवसीय गायत्री यज्ञ सह संस्कार महोत्सव संपन्न करते हुए कार्यक्रम में वृक्षारोपण-अभियान के तहत फलदार एवं छायादार वृक्ष परिजनों द्वारा लगाया गया।


वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र श्यामानंद झा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”यज्ञ का तीन अर्थ होता है। दान-अर्थात संप्रदान, अंशदान, श्रमदान तथा विचार दान। देव पूजा-अर्थात मनुष्य के अंदर छिपे देवत्व यानी अच्छाई को जागृत करना और संगतिकरण-अर्थात संगठन । सत्प्रयोजन के लिए चरित्रवान व्यक्तित्व का निर्माण तथा उसे संगठित कर समाज निर्माण, परिवार निर्माण एवं व्यक्ति निर्माण के लिए प्रयोग करना। 

यज्ञ का अर्थ त्याग व बलिदान और शुभ कर्म से होता है। यज्ञ को शास्त्रों में “कामधूक” कहा गया है, जिसका अर्थ समस्त अभावों एवं बाधाओं को दूर करना है। श्री श्यामानंद झा ने यह भी कहा की भगवान की शक्ति की पूजा अर्चना की जाए, प्रसाद नैवेद्य चढ़ाया जाए इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। मुख्य रूप से ईश्वर इंसान की पात्रता, प्रमाणिकता और प्रखरता से प्रसन्न होकर अनुदान-वरदान प्रदान करते हैं। पात्रता का विकास उपासना से,  प्रमाणिकता का विकास साधना से और प्रखरता का विकास आराधना अर्थात मानव सेवा से प्राप्त होता है।हमारा अध्यात्म कोई चमत्कार नहीं वरन् श्रेष्ठ चिंतन, महान चरित्र एवं श्रेष्ठ व्यवहार है। इससे कम में हमें अध्यात्म की शक्ति नहीं मिल सकती।

वृक्षारोपण करते गायत्री परिवार के परिजन

उन्होंने कहा अपनी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक, नैतिक और आध्यात्मिक स्थिति को ऊंचा उठाना अपने को आदर्श नागरिक बनाना इतना बड़ा धर्म कार्य है जिसकी तुलना में कोई भी पूर्ण परमार्थ हो नहीं सकता।कार्यक्रम की सफलता के लिए रूपेश कुमार झा, हरिश्चंद्र सिंह, कमलेश कुमार, दिलीप कुमार सिंह, काव्या दत्त, पदमा भारतीय, जिला संयोजक राकेश कुमार, समाजसेवी ललितेंद्र भारतीय, डिप्टी प्रसाद, रघुनाथ सिंह, बलराम सिंह, अर्जुन सिंह, अतुल कुमार, संदीप कुमार, दीपक कुमार दास का सराहनीय सहयोग  रहा।






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हमारा अध्यात्म कोई चमत्कार नहीं वरन् श्रेष्ठ चिंतन, महान चरित्र एवं श्रेष्ठ व्यवहार है -श्री श्यामानंद झा 

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