दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता,एग्रीमेंट का हुआ आदन प्रदान

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डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन तीन दिवसीय भारत दौरे पर पहुंची है दिल्ली

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने आज हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। वार्ता के बाद साझा संबोधन में दिनों नेताओ ने दोनों आपसी सहयोग,निवेश सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा की जानकारी दी ।बता दे कि डेनमार्क की पीएम तीन दिवसीय भारत दौरे पर है। भारत पहुंचने पर एयरपोर्ट पर केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया ।वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उनका राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया। 

वार्ता के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि Energy, food processing, logistics, infrastructure, machinery, software आदि अनेक क्षेत्रों में डेनिश कंपनियां लंबे समय से भारत में काम कर रही हैं।पीएम मोदी ने कहा उन्होंने न सिर्फ #MakeInIndia बल्कि Make in India for the World को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।






पीएम मोदी ने कहा आज की हमारी मुलाकात भले ही पहली रूबरू मुलाकात थी लेकिन कोरोना कालखंड में भी भारत और डेनमार्क के बीच संपर्क और सहयोग की गति बरकरार रही थी।उन्होंने कहा हम जिस स्केल और स्पीड से आगे बढ़ना चाहते हैं उसमें डेनमार्क की विशेषज्ञता और तकनीक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।

पीएम मोदी ने कहा भारत की अर्थव्यवस्था में आए रिफॉर्म्स विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उठाए गए कदम ऐसी कंपनियों के लिए अपार अवसर प्रस्तुत कर रहे हैं ।पीएम मोदी ने कहा हमने आज यह निर्णय भी लिया कि हम अपने सहयोग के दायरे का सतत रूप से विस्तार करते रहेंगे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नई पार्टनरशिप की शुरुआत की है। भारत में कृषि उत्पाद और किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने कृषि संबंधित तकनीक में भी सहयोग करने का निर्णय लिया है ।

 डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम पानी और ग्रीन ईंधन पर काम करने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों पर भी साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। हमारा हरित सहयोग बहुत महत्वाकांक्षी है ।उन्होने कहा हम दो लोकतांत्रिक देश हैं जो नियमों पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन ट्रांजिशन साथ-साथ चल सकते हैं ।






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