नक्सलबाड़ी:’ नेकी की दुकान ‘ खोल कर जरूरतमंदो को कपड़ा मुहैया करवा रहे शिक्षक विश्वम्बर प्रसाद

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चंदन मंडल /खोरीबाड़ी

राज्य में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकार पहले से ही अलर्ट है।वहीं कोरोना की दूसरी लहर ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अपना पैर तेजी से पसार चुका था और इसके असर से हर कोई डरा और सहमा हुआ था। लोगों को इस संक्रमण से बचाने व कोरोना मरीजों की स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर तमाम सारी चीजों के मदद के लिए केंद्र व राज्य सरकार समेत विभिन्न संगठन अपने स्तर से कुछ ना कदम उठाये गए।






वहीं, दूसरी ओर राज्य में कोरोना की दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने के लिए महीनों तक लॉकडाउन लगाया था।ताकि कोरोना वायरस के चेन को तोड़ा जा सकें और सरकार का यह लॉकडाउन का फैसला भी सही साबित हुआ । राज्य में कोरोना की चेन धीमी गति से टूट भी गयी , लेकिन लॉकडाउन की वजह से गरीब तबके व बेसहारा लोगों को खाद्यान्न से लेकर कपड़ों तक की भारी समस्या उत्तपन हो गयी। आपने एक कहावत है नेकी कर , दरिया में डाल। बस इसी तर्ज पर देवीगंज प्राइमरी स्कूल के शिक्षक बिश्वम्बर प्रसाद व उनके साथियों ने जरूरतमंद लोगों को कपड़े के लिए एक नेकी की दुकान शुरु की है।

यह नेकी की दुकान खोरीबाड़ी प्रखंड अंतगर्त बतासी बाजार से एक सौ मीटर अंदर बंधन बैंक के समीप उनके घर में ही है। विश्वम्बर प्रसाद और उनके साथियों का मकसद जरूरतमंदों को कपड़े देना है। इस दुकान की शुरुआत 15 अगस्त 2019 को हुई । शिक्षक विश्वम्बर प्रसाद व उनके साथियों का उद्देश्य उन गरीबों को वस्त्र पहुंचाना है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है। इस दुकान में बागडोगरा, शिवमंदिर , नकसक्लबड़ी व विभिन्न जगहों से दान किए गए कपड़ों को एकत्र किया जाता है। बाद में गरीब व जरूरतमंद लोग यहां आकर अपनी पसंद के कपड़े ले जा सकते हैं।

विश्वम्बर प्रसाद ने बताया पहले इस नेकी की दुकान को उन्होंने अकेले ही शुरु की थी , परंतु वर्ष 2020 में कई लोग इसमें अपना योगदान दे चुके हैं।अब उन्होंने फिर से अकेले ही अगस्त महीने 2021 से यह नेकी की दुकान शुरु की है। उन्होंने बताया 15 अगस्त 2019 को बिना मूल्य वस्त्र बाजार खोलने के बाद इलाकों के काफी संख्या में जरूरतमंद लोगों के बीच वितरण किया गया , लेकिन कोरोना का कहर और लॉकडाउन को देखते हुए करीब पांच महीने पहले बिना मूल्य वस्त्र बाजार को बंद किया गया । इससे पूर्व 2020 में कोरोना को लेकर बंद किया गया था। अब स्तिथि को देखते हुए फिर से बिना मूल्य वस्त्र बाजार को खोलने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए बिना मूल्य वस्त्र बाजार प्रत्येक रविवार को सुबह दस बजे से शाम तीन बजे तक खोला जाता है।






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