सीमावर्ती फुलबड़िया बाजार जलजमाव की चपेट में, नेपाल से आने वाले ग्राहक भी हुए दूर

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सबसे अधिक राजस्व देने वाले बाजार की गलियाँ बनीं कीचड़ और संक्रमण का अड्डा, दुकानदारों में गहरा आक्रोश।

टेढ़ागाछ (किशनगंज) विजय कुमार साह

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित फुलबड़िया बाजार, जो न केवल स्थानीय बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र के लिए भी आर्थिक जीवनरेखा मानी जाती है, आज बदहाली और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। मुख्य सड़क पर लगातार जलजमाव की समस्या ने इस ऐतिहासिक और राजस्व देने वाले प्रमुख बाजार की पहचान को बुरी तरह धूमिल कर दिया है।

नेपाली ग्राहक हुए किनारा, व्यापार पर गंभीर असर
यह बाजार वर्षों से नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्राहकों का भी प्रमुख केंद्र रहा है, लेकिन आज जलजमाव और सड़कों पर फैली कीचड़ ने विदेशी ग्राहकों को भी किनारा करने पर मजबूर कर दिया है। अब यह ग्राहक अररिया जिले के कलियागंज बाजार का रुख कर रहे हैं, जिससे फुलबड़िया के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।


मारवाड़ी व्यापारी कर रहे हैं पलायन यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि दर्जनों मारवाड़ी व्यापारी फुलबड़िया छोड़कर किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कोलकाता जैसे स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। खाली होती दुकानें, सूनसान गलियाँ और गिरता व्यापार यहां की वर्तमान त्रासदी को बयां कर रही हैं।संक्रमण और बीमारियों का खतरा बना रहता है बाजार के समाजसेवी विजय कुमार साह एवं बृजमोहन जैन ने बताया कि बाजार की गलियाँ कीचड़ एवं जलमग्न हैं, जिससे हर समय संक्रमण, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा मंडराता रहता है। साफ-सफाई और जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है।

स्थानीय दुकानदारों का फूटा आक्रोश बाजार के दुकानदारों रमन कुमार साह, गोपाल पैकड़ा, प्रमोद कुमार साह, आज़ाद आलम, शिवम कुमार पाठक, वार्ड सदस्य गोविंद तिवारी और विकास कुमार साह सहित दर्जनों व्यापारियों ने प्रशासन पर गंभीर उपेक्षा का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कई बार शिकायतों के बाद भी अब तक ना तो नाला सफाई हुई और ना ही जल निकासी की स्थायी व्यवस्था बनाई गई। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो हम व्यापार बंद कर सामूहिक विरोध करेंगे”, यह चेतावनी अब स्थानीय व्यापारी खुलकर देने लगे हैं। क्या सुन पाएगा प्रशासन सीमावर्ती अर्थव्यवस्था की यह चीख? यह सवाल अब क्षेत्र की जनता, व्यापारी वर्ग और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच आम हो चला है। सीमावर्ती क्षेत्र में बसी फुलबड़िया बाजार जैसे संवेदनशील स्थल की उपेक्षा केवल स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और संबंधों के लिए भी चिंता का विषय है।

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सीमावर्ती फुलबड़िया बाजार जलजमाव की चपेट में, नेपाल से आने वाले ग्राहक भी हुए दूर

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