अररिया /बिपुल विश्वास
पंचायती राज व्यवस्था को साकार करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इसके तहत ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण भी कराया गया है जहां सरकारी कर्मचारियों को बैठकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने का प्रावधान है. पर सरकार की यह मंशा कामयाब नहीं हो सकी है. बता दें कि अररिया जिले के भरगामा प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर पंचायत भवनों में ताला लटका रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि कभी कोई कर्मी आते भी हैं तो फोटो खींचकर चले जाते हैं. इन भवनों में कभी हमने कर्मियों को बैठे नहीं देखा है.
लोगों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण यह व्यवस्था आज तक सही तरीके से लागू नहीं हो पाया है. भवन देखरेख के अभाव में खंडहर होते जा रहा है. मालूम हो कि सरकार ग्रामीणों की सुविधा के लिए पंचायत में हीं जाति,आय,निवास,पेंशन,दाखिल,खारिज,प्रधानमंत्री आवास योजना,किसान सम्मान निधि योजना समेत अन्य योजनाओं के आवेदनों का निष्पादन कार्य के लिए कार्यालय बनाया है,ताकि लोगों को प्रखंड मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े,लेकिन इसके विपरीत अभी भी ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय जाकर हीं कार्य कराने पड़ रहे हैं.
ग्रामीणों की इस शिकायत पर 25 जनवरी शनिवार को भरगामा प्रखंड क्षेत्र के विषहरिया पंचायत भवन का 11: 52 बजे पड़ताल किया गया. पड़ताल के दौरान एक भी कर्मी अपने ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. भवन के अंदर नशेरियों का जमावड़ा लगा दिखा. जब इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद अख्तर,मोहम्मद एजाजुल,उपेंद्र नारायण सिंह,सादिक अहमद,मोहम्मद नोमान,वर्तमान सरपंच सह सरपंच संघ अध्यक्ष मोहम्मद आजम अनवर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां पदस्थापित कर्मियों की मनमानी चरम पर है. ऐसा लगता है कि इससे सवाल-जवाब करने का अधिकार किसी भी अधिकारी को नहीं है.
शायद इसलिए इस पंचायत भवन में कोई कर्मी नहीं बैठ रहे हैं. जबकि वीरनगर पश्चिम पंचायत भवन का 12: 28 बजे जायजा लिया गया तो वहां भी कोई कर्मी अपने ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. स्थानीय ग्रामीण मुन्ना कुमार,नौशाद आलम,जूही प्रवीण आदि ने बताया कि इस कार्यालय में कोई भी सरकारी कर्मी नहीं बैठते हैं. यहां के ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है,शिकायत के बाबजूद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं. जबकि वीरनगर पूरब पंचायत भवन का 1: 04 बजे पड़ताल किया गया तो वहां भी पंचायत कार्यालय में पूर्णरूपेण ताला बंद पाया गया. स्थानीय ग्रामीण फुलेश्वरि देवी,देवानंद राम,गजेन्द्र भगत आदि ने बताया कि विशेष कार्यक्रम के दौरान हीं इस भवन का ताला खुलता है,अन्य दिन पूर्णरूपेण ताला लगा रहता है. जबकि 1: 30 बजे धनेश्वरी पंचायत भवन का पड़ताल किया गया तो वहां भी पूर्णरूपेण ताला लगा हुआ पाया गया. जबकि 2: 47 बजे हरीपुरकला पंचायत भवन का पड़ताल किया गया तो वहां भी कोई कर्मी अपने ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे.
जबकि खुटहा बैजनाथपुर पंचायत सरकार भवन का 03:16 बजे पड़ताल किया गया तो वहां भी कोई कर्मी अपने ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. उक्त पंचायत सरकार भवन को देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि कई वर्षों से इस भवन का मरम्मत एवं रंग-रोगन का कार्य नहीं हुआ है जिस कारण भवन जर्जर होकर खंडहर होने के कगार पर पहुंच गया है.
स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि उक्त पंचायत में पदस्थापित पंचायत सचिव,राजस्व कर्मचारी,कार्यपालक सहायक,आवास सहायक,विकास मित्र,कचहरी सचिव,पीआरएस,किसान सलाहकार आदि कर्मियों पर वरीय पदाधिकारियों का आदेश बेअसर है इसलिए यहां कोई कर्मी नहीं बैठ रहे हैं. वहीं इस संबंध में डीपीआरओ मनीष कुमार ने बताया कि सभी पंचायत स्तरीय कर्मियों को पंचायत भवन में रोस्टर के अनुसार ससमय बैठने का हिदायत दिया गया है,अगर बिना सूचना के कोई भी कर्मी अपने ड्यूटी से गायब पाये जाते हैं तो उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.