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ई-रिक्शा चला कर सपनों की उड़ान देने की कोशिश में जुटी किशनगंज की नंदिनी,जानिए पूरी कहानी

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आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई के साथ साथ चलाती है ई रिक्शा

किशनगंज/अब्दुल करीम

जहां एक तरफ बच्चे पढ़ाई और खेल-कूद में मशगूल होते हैं, वहीं 16 साल की नंदिनी अपने सपनों को साकार करने के लिए ई-रिक्शा चला रही है। यह कहानी सिर्फ संघर्ष की नहीं, बल्कि उस जज़्बे की है, जो हर बाधा को पार कर सकती है।

बचपन, जो जिम्मेदारियों में ढल गया

शहर के वार्ड संख्या 31 में हवाई अड्डा चहारदीवारी के किनारे सरकारी जमीन पर फूस का घर बना कर रह रही
नंदिनी के पिता की आर्थिक तंगी ने उसे कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का बोझ उठाने पर मजबूर कर दिया है। जहां अन्य बच्चे स्कूल की छुट्टी के बाद आराम करते हैं या खेलकूद में मश्गूल हो जाते है वहीं नंदिनी ई-रिक्शा लेकर सड़कों पर निकल पड़ती है।

दोपहर की क्लास, शाम की कमाई

सुबह स्कूल और शाम को ई-रिक्शा चलाना उसकी दिनचर्या है।हर दिन तीन से चार घंटे वो ई रिक्शा चलाती है ।उसकी मेहनत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अपनी पढ़ाई में भी पीछे नहीं है।नंदिनी कहती है, “मेरे पास समय कम है, लेकिन सपने बड़े हैं।”
नंदिनी ने बताया कि पिता पर कर्ज का बोझ है, मेरे परिवार में चार बहन और एक भाई है।घर भी नहीं है।सरकारी जमीन पर रहती हूं। घर के खर्च को बांटने और अपनी पढ़ाई को पूरी करने के लिए ई-रिक्शा चलना जरूरी है ।उसने बताया कि पढ़लिख कर वो अधिकारी बनना चाहती है।गौरतलब हो कि
वो शहर के गर्ल्स हाई स्कूल में 11 वी कक्षा में पढ़ाई करती है।

कठिनाइयों के बीच मुस्कान

ई-रिक्शा चलाना उसके लिए सिर्फ एक काम नहीं, बल्कि परिवार की मदद का जरिया है। हालांकि, यह काम आसान नहीं है। कई बार उसे ताने सुनने पड़ते हैं, तो कभी यात्रियों की बदतमीजी का सामना भी करना पड़ता है। लेकिन वह हर मुश्किल को मुस्कुराकर पार कर जाती है।

नंदिनी के पिता ने बताया कि वो अक्सर बीमार रहते है और मजबूरी की वजह से उनकी बच्ची कुछ समय के लिए ई रिक्शा चलाती है।

प्रेरणा का स्रोत

नंदिनी की कहानी आज उसके आस-पड़ोस के लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। उसकी लगन और मेहनत को देखकर कुछ लोग उसकी मदद के लिए भी आगे आए हैं।
नगर परिषद अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान ने कहा कि उनके संज्ञान में मामला आया है और तहसीलदार को निर्देश दिया गया है ।उन्होंने कहा कि बच्ची को हर संभव मदद उनके द्वारा किया जाएगा । वहीं किशनगंज अनुमंडल पदाधिकारी लतीफुर रहमान अंसारी से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा छात्रवृति योजना ,साइकिल सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।उन्होंने कहा कि बच्ची को तमाम लाभ मिले इसके लिए प्रयास किया जाएगा।

नंदिनी का सपना है कि वह एक दिन अधिकारी बने और अपने परिवार की हालत को सुधार सके। वह मानती है कि परिस्थितियां चाहे जितनी भी कठिन हों, अगर हिम्मत और दृढ़ निश्चय हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।

ई-रिक्शा चला कर सपनों की उड़ान देने की कोशिश में जुटी किशनगंज की नंदिनी,जानिए पूरी कहानी

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