सब पर भारी, सुशांत बिहारी !

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

कुमार राहुल


एनसीपी के नेता मजीद मेमन ने कहा, कि सुशांत को जितनी प्रसिद्धि जीते जी .. एक एक्टर के रूप में नहीं मिली ।उससे बहुत ज्यादा प्रसिद्धि मृत्यु के बाद मिल रही है। जिसके लिए मेमन को आलोचना का भी शिकार होना पड़ा। वैसे ये बात कुछ हद तक सही भी है। फिल्म इंडस्ट्रीज के   बेहतरीन अभिनेता में से इरफान खान और ऋषि कपूर की अकस्मात ,लेकिन नेचुरल मृत्यु हुई ,जिसकी बात मीडिया में आई और गई ।

सुशांत की मौत 14 जून 2020 को हुई, तब भारत में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या महज तीन लाख  थी,आज 40 लाख क्रॉस कर चुकी है, सुशांत की मौत ने टीवी न्यूज़ वालों को अच्छी खुराक दे दी है ,और इस एक्टर की सुसाइड की खबर को इतना दिखाया गया ,कि लोग कोरोना मरीजो की गिनती करना भूल गए। जबकि 14 जून से पहले मरीजों कि संख्या गिनती करते थे ,मरीज को  कराहते देखकर लोग डरे हुए थे ।

जबकि अभी मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई  है,मौतें भी हुई है , लेकिन लोगों के मन से  अब डर गायब हो गया है ।जब से सुशांत केस की जांच सीबीआई के हाथ में गई है। चैनल वालों ने अपने सारे रिपोर्टरों को झोंक दिया है, रिया चक्रवर्ती किस कपड़े में निकली ,किस  गाड़ी में चढ़ी ,किसे फोन किया ,न जाने क्या-क्या खबरों से जोड़ा जा रहा है ।खबरें कवर करने वाले परेशान रिपोर्टर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, कि चैनल वालों का बस चले, तो यह भी कवर करने के लिए कहा जाए, कि रिया चक्रवर्ती किस कलर  की चड्डी और अंडर गारमेंट पहन कर निकलती है, उसे भी शूट करो।

टीआरपी के लिए चैनल वाले कुछ भी करने को तैयार है ।और  under garment को कवर नही किया तो नौकरी गई । वैसे भी एक अति उत्साही रिपोर्टर को जैद ड्रग पेडलर के पिता से  पिटाई खानी पड़ी ।अपने आप को प्रूव करने के लिए और नौकरी बचाने के लिए कुछ भी करना पड़ रहा है । वैसे भी कोरोनावायरस ने 12 करोड लोगों की नौकरियां ले ली है ।

सुशांत सुसाइड के सभी तरह की खबरों पर भारी है, क्योंकि उत्तर प्रदेश पीसीएस अधिकारी  मंजरी  राय की हत्या का आरोप ,बीजेपी के मंत्री के रिश्तेदार पर है ,उसकी सीबीआई की मांग सुनने वाला कोई नहीं है।
 

क्योंकि मेरा कातिल ही , 

मेरा मुंसिफ है ।

वह इंसाफ क्या करेगा ।


रिया चक्रवर्ती ने मंजरी की हत्या की खबर को खत्म कर दिया। रिया विलेन ही सही ,लेकिन 2 महीने से सबकी जुबान पर जरूर है। सुशांत केस ने बलात्कारियों को जबरदस्त मौका दिया ,और उन्होंने देश भर में इस दौरान  7000 से अधिक बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दे दिया ।शायद उन्हें पता था ,कि पकड़े भी गए तो सुशांत की खबर के सामने उनकी खबरें दब जाएंगी ।और साथ ही शातिर अपराधियों ने 6000 से अधिक लोगों को एक रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में मौत के घाट उतार दिया।

इन लोगों का मीडिया ट्रायल नहीं हो सका ।हत्या में शामिल प्रभावशाली लोगों को अपने प्रभाव को दिखाने की जरूरत ही नहीं पड़ी ,क्योंकि खबरें चली नहीं । ngo,social activists किसी के संज्ञान में बात आई नहीं। प्रभावशाली अपराधी सब सबूत और गवाहों को मैनेज कर  बच जाएंगे। हाई टीआरपी वाले चैनल के लिए.. अभी आम लोगों की जेब से गायब हो रही आमदनी मुद्दा नहीं है …ना ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था करने की सोच रखने वाले मोदी जी …अभी मंदी में क्या सोच रहे हैं वह मुद्दा नहीं है।

चीन और पाकिस्तान .. भारत की  सुरक्षा को लगातार चुनौती दे रहा है ये खबरे  आई और गई है। सुशांत की खबरों से टीवी चैनल वालों की तो चांदी कट रही है। लेकिन कोरोना के प्रभाव के कारण करोड़ों लोग रोटी की समस्या से जूझने  लगे हैं, इन मुद्दों पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। अब सवाल यह है , कि सुशांत केस में लोगों को उलझा रखने की साजिश कौन  रच रहा है ।कहीं सत्ता में काबिज बीजेपी सरकार तो नहीं ? जो जनता को मूल मुद्दों को बहस का हिस्सा बनने नहीं देना चाहती है ।

आज बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का एक पोस्टर रिलीज हुआ …सुशांत की फोटो के साथ। ना भूलेंगे ,…ना भूलने देंगे ।इस स्लोगन का मतलब साफ है बीजेपी वाले असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका कर रखना चाहती है ।सवाल यह भी है, कि खबरों के मुद्दे कौन तय कर रहा है। सुशांत केस में   पहले नेपोटिज्म , फिर सुसाइड नहीं हत्या, उसके बाद 15 करोड़ का फ्रॉड ,अब ड्रग वाला एंगल। बिहार विधानसभा चुनाव तक कुछ और सुशांत केस के अलग अलग एंगलो को आना बाकी है जो मीडिया में छाए रहेंगे ।

चुनाव खत्म होते ही इंक्वायरी धीमी हो जाएगी, कंगना रनौत की शिवसेना से लड़ाई खत्म हो जाएगी ।चुनावी माहौल में इस्तेमाल हो रहे, सुशांत मौत की इंक्वायरी का क्या होगा कोई नहीं जानता।

लेकिन टीवी न्यूज़ के इतिहास में ऐसा पहला मौका होगा जब कोरोनावायरस जनित मंदी में भी सुशांत के मौत ने चैनल वालों को सैकडों करोड़ कमा दिए।

यह खेल चैनल वालों का हो या किसी पार्टी का , एक बात तो स्पष्ट है ,कि “सब पर भारी सुशांत बिहारी”


 कृपया अपना रिएक्शन जरूर दीजिएगा

उपरोक्त विचार लेखक का निजी राय है ।

सब पर भारी, सुशांत बिहारी !

error: Content is protected !!