कैमूर/भभुआ (ब्रजेश दुबे):
कैमूर जिले के भभुआ नगर की पहली महिला सभापति स्वर्गीय उर्मिला देवी की पहली पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई । पुण्यतिथि उनके पैतृक आवास पर भभुआ में मनाई गई जहां पर जिले के कई गणमान्य सहित कुछ पदाधिकारियों द्वारा भी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। बताते चलें कि उर्मिला देवी 23 जुलाई सन 2019 को भभुआ नगर की पहली महिला सभापति चुनी गई थी । इनके द्वारा सभापति बनने के बाद गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी गरीबों असहाय की काफी सहायता की थी इतना ही नहीं उनके कार्यकाल मे गरीब असहाय निर्धन तथा उपेक्षित लोगों का जमकर सहायता या यूं भी कहा जा सकता है कि सेवा किया गया था।
वहीं इसके अंतर्गत उस वर्तमान दौर में भभुआ नगर में विकास की गंगा बहने लगी थी चारों तरफ सोलर लाइट, साफ सफाई, पेंटिंग, गली नली जैसे तमाम विकास के कार्य चारों तरफ काफी तेज गति से हो रहा था। उस समय साफ सफाई के क्षेत्र में कैमूर जिला को पूरे बिहार में तीसरा स्थान मिला था वही मूलभूत विकास एवं अन्य कार्यकारी योजनाओं को देखते हुए कैमूर जिले को सरकार द्वारा विकास रफ्तार को देखते हुए एक करोड़ 40 लाख रुपए का पुरस्कृत योगदान भी सरकार द्वारा मिला था। विकास सील महिला सभापति जब कोरोना काल में सभी लोग कमरे में कैद हो गए थे उस दौर में भी इनके द्वारा गरीब असहाय लोगों के घर घर जाकर आवास योजना, राशन की व्यवस्था रैन बसेरा का व्यवस्था, नगर में मूलभूत व्यवस्था के लिए दिन रात लगातार परिश्रम किया गया ।
ताकि नगर की किसी भी लोगों को कोई कठिनाइयों का सामना न करना पड़े लेकिन नियति को शायद कुछ और रास आया। आपको बता दें कि महज डेढ़ वर्ष के कार्यकाल को पूरा करते ही कोरोना महामारी ने उस बेचारी का जीवन लीला ही समाप्त कर दिया और कोरोना अपने चपेट में ले लिया जिससे इलाज के दौरान सदर अस्पताल भभुआ में उन्होंने अंतिम सांस लिया। उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे भभुआ नगर में कोहराम मच गया चारों तरफ लोग हाय हाय करने लगे क्योंकि भभुआ शहर का जिस तरह से विकास गति पर था महज डेढ़ साल के समय काल में इनके द्वारा शहर को जो विकास की गति दी गई थी उसे देख कर लोगों ने दांतों तले अंगुली काटने लगे यही नहीं अब लोगों में उम्मीद जग गई थी की भभुआ शहर का कायाकल्प हो जाएगा लेकिन उनके निधन के बाद इनके सपना के साथ साथ लोगों का भी सपना चकनाचूर हो गया ।
वहीं उनके पुण्यतिथि पर उनके पुत्र विकास कुमार तिवारी उर्फ बबलू तिवारी ने कहा कि भभुआ शहर को बिहार में मॉडल शहर बनाने का माताजी का जो सपना था वह अधूरा रह गया लगभग डेढ़ साल के समय काल में भभुआ शहर में जो विकास हुआ है था नगर के लोगों ने अपनी आंखों से देखा है। उन्होंने कहा की माताजी के आदर्शों पर चलते हुए उनके जो अधूरे सपने हैं उन्हें पूरा करने का मेरे द्वारा संकल्प लिया गया है मै घर घर जाकर लोगों से आशीर्वाद लूंगा लोगों का आशीर्वाद मिला तो माता जी के जो अधूरे सपने हैं उन्हें पूरा करने का काम करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है की भभुआ नगर के लोग मुझे एक बार अपना आशीर्वाद देंगे जिससे भभुआ नगर का चौमुखी विकास हो सके। उन्होंने कहा कि मैं प्रशासन से मांग करुगा की भभुआ नगर की पहली महिला सभापति होने के नाते प्रतिमा का अनावरण किया जाए अगर प्रशासन के द्वारा अगर लगाई जाती है तो ठीक है नहीं तो मैं अपने निजी जमीन में उनकी प्रतिमा लगाने का काम करूंगा उन्होंने अंत में समस्त नगरवासियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए निवेदन किया है कि आप लोग एक बार पुनः मुझे मौका देकर जो माताजी के अधूरे सपने हैं उन्हें पूरा करने का मौका जरूर दें।
कैमूर जिले के भभुआ नगर की पहली महिला सभापति स्वर्गीय उर्मिला देवी की पहली पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई । पुण्यतिथि उनके पैतृक आवास पर भभुआ में मनाई गई जहां पर जिले के कई गणमान्य सहित कुछ पदाधिकारियों द्वारा भी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। बताते चलें कि उर्मिला देवी 23 जुलाई सन 2019 को भभुआ नगर की पहली महिला सभापति चुनी गई थी । इनके द्वारा सभापति बनने के बाद गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी गरीबों असहाय की काफी सहायता की थी इतना ही नहीं उनके कार्यकाल मे गरीब असहाय निर्धन तथा उपेक्षित लोगों का जमकर सहायता या यूं भी कहा जा सकता है कि सेवा किया गया था।
वहीं इसके अंतर्गत उस वर्तमान दौर में भभुआ नगर में विकास की गंगा बहने लगी थी चारों तरफ सोलर लाइट, साफ सफाई, पेंटिंग, गली नली जैसे तमाम विकास के कार्य चारों तरफ काफी तेज गति से हो रहा था। उस समय साफ सफाई के क्षेत्र में कैमूर जिला को पूरे बिहार में तीसरा स्थान मिला था वही मूलभूत विकास एवं अन्य कार्यकारी योजनाओं को देखते हुए कैमूर जिले को सरकार द्वारा विकास रफ्तार को देखते हुए एक करोड़ 40 लाख रुपए का पुरस्कृत योगदान भी सरकार द्वारा मिला था। विकास सील महिला सभापति जब कोरोना काल में सभी लोग कमरे में कैद हो गए थे उस दौर में भी इनके द्वारा गरीब असहाय लोगों के घर घर जाकर आवास योजना, राशन की व्यवस्था रैन बसेरा का व्यवस्था, नगर में मूलभूत व्यवस्था के लिए दिन रात लगातार परिश्रम किया गया ताकि नगर की किसी भी लोगों को कोई कठिनाइयों का सामना न करना पड़े ।
लेकिन नियति को शायद कुछ और रास आया। आपको बता दें कि महज डेढ़ वर्ष के कार्यकाल को पूरा करते ही कोरोना महामारी ने उस बेचारी का जीवन लीला ही समाप्त कर दिया और कोरोना अपने चपेट में ले लिया जिससे इलाज के दौरान सदर अस्पताल भभुआ में उन्होंने अंतिम सांस लिया। उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे भभुआ नगर में कोहराम मच गया चारों तरफ लोग हाय हाय करने लगे क्योंकि भभुआ शहर का जिस तरह से विकास गति पर था महज डेढ़ साल के समय काल में इनके द्वारा शहर को जो विकास की गति दी गई थी उसे देख कर लोगों ने दांतों तले अंगुली काटने लगे यही नहीं अब लोगों में उम्मीद जग गई थी की भभुआ शहर का कायाकल्प हो जाएगा लेकिन उनके निधन के बाद इनके सपना के साथ साथ लोगों का भी सपना चकनाचूर हो गया । वहीं उनके पुण्यतिथि पर उनके पुत्र विकास कुमार तिवारी उर्फ बबलू तिवारी ने कहा कि भभुआ शहर को बिहार में मॉडल शहर बनाने का माताजी का जो सपना था वह अधूरा रह गया लगभग डेढ़ साल के समय काल में भभुआ शहर में जो विकास हुआ है था नगर के लोगों ने अपनी आंखों से देखा है।
उन्होंने कहा की माताजी के आदर्शों पर चलते हुए उनके जो अधूरे सपने हैं उन्हें पूरा करने का मेरे द्वारा संकल्प लिया गया है मै घर घर जाकर लोगों से आशीर्वाद लूंगा लोगों का आशीर्वाद मिला तो माता जी के जो अधूरे सपने हैं उन्हें पूरा करने का काम करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है की भभुआ नगर के लोग मुझे एक बार अपना आशीर्वाद देंगे जिससे भभुआ नगर का चौमुखी विकास हो सके। उन्होंने कहा कि मैं प्रशासन से मांग करुगा की भभुआ नगर की पहली महिला सभापति होने के नाते प्रतिमा का अनावरण किया जाए अगर प्रशासन के द्वारा अगर लगाई जाती है तो ठीक है नहीं तो मैं अपने निजी जमीन में उनकी प्रतिमा लगाने का काम करूंगा उन्होंने अंत में समस्त नगरवासियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए निवेदन किया है कि आप लोग एक बार पुनः मुझे मौका देकर जो माताजी के अधूरे सपने हैं उन्हें पूरा करने का मौका जरूर दें।