धोखाधड़ी के आरोपी बैंक प्रबंधक अकबर अहमद को रिमांड अवधि पूर्ण होने के बाद भेजा गया जेल

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1 करोड़ 23 लाख के गबन का है आरोप

पुलिस ने 24 घंटे रिमांड पर रखकर की पूछताछ

पुलिस कई राज उगलवाने में हुई सफल

किशनगंज /सागर चन्द्रा

एक करोड़ 23 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने मामले के आरोपी भगतटोली रोड इंडियन बैंक शाखा के तत्कालीन बैंक प्रबंधक अकबर अहमद से आवश्यक पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया। 24 घंटे के रिमांड अवधि पूर्ण होने के बाद पुलिस ने सदर अस्पताल में आरोपी का मेडिकल जांच कराया। जांच में फिट पाये जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।वहीं सूत्रों की माने तो आरोपी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को अपेक्षित सहयोग नहीं किया। इसके बावजूद भी पुलिस उससे कई राज उगलवाने में सफल रही।आरोपी के खुलासे के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। बताते चलें कि लगातार पुलिस की दबिश से घबराकर आरोपी अकबर अहमद ने गत मंगलवार को स्थानीय न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।






घटना के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे आरोपी 24 घंटे की रिमांड पर लिया था। आरोपी बैंक प्रबंधक पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी बैंक गारंटी और फिक्स्ड डिपॉजिट के कागजात तैयार कर राज्य सरकार को 1 करोड़ 23 लाख रुपये की क्षति पहुंचाने का तीन अलग अलग मामला टाउन थाना में दर्ज हैं।

उल्लेखनीय है कि एक करोड़ 23 लाख रुपये जालसाजी करने का मामला उजागर होने के बाद ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल अररिया के कार्यपालक अभियंता के लिखित शिकायत पर तत्कालीन बैंक प्रबंधक अकबर अहमद के विरुद्ध टाउन थाना में कांड संख्या 543/19 दर्ज किया गया था। घटना को लेकर टाउन थाना में आरोपी के विरुद्ध कांड संख्या 103/19 और कांड संख्या 574/19 भी दर्ज की गई थी। जानकारी के अनुसार अररिया जिले के भूना, जौकीहाट निवासी संवेदक गुफरान मुस्तकीम ने पीएमजीएसवाई योजना के तहत पूल निर्माण कार्य के लिए स्थानीय भगतटोली रोड स्थित इंडियन बैंक द्वारा निर्गत फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक गारंटी के कागजात जमानत के तौर पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यालय में जमा किये थे।कार्यालय के द्वारा बैंक को पत्र लिखकर कागजातों की जांच करने का आवेदन दिया था।जबकि बैंक ने हस्ताक्षर और मोहर के साथ डिपोजिट और बैंक गारंटी को सही ठहराया था।घटना के बाद कार्यपालक अभियंता द्वारा जमानत की राशि के रूप में जमा फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक गारंटी के बदले में बैंक ड्राफ्ट निर्गत करने के लिए बैंक से कई बार पत्राचार किया गया।






क्योंकि बैंक गारंटी की अवधि 26 फरवरी को समाप्त हो रही थी।लेकिन गत 18 फरवरी को अचानक इंडियन बैंक ने बैंक गारंटी और फिक्स्ड डिपॉजिट के फर्जी होने का हवाला देते हुए बैंक ड्राफ्ट देने से साफ इंकार कर दिया।बैंक ने बताया कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक के द्वारा बैंक गारंटी और फिक्स्ड डिपॉजिट फर्जी जारी किया गया था।घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के होश उड़ गए। इधर संवेदक की मौत होने के बाद बैंक गारंटी के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ। मामले में इससे पूर्व अररिया ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अरबिंद कुमार ने भी एक माह पूर्व सदर थाने में कांड संख्या 543/19 के तहत तत्कालीन बैंक प्रबंधक अकबर अहमद के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया था। लेकिन इस बीच संवेदक की मौत हो गई। नतीजतन सभी कार्य अपूर्ण रह गया।




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धोखाधड़ी के आरोपी बैंक प्रबंधक अकबर अहमद को रिमांड अवधि पूर्ण होने के बाद भेजा गया जेल

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