जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई सामेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित

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-आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के कुपोषण जांच,प्री स्कूलिंग,पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश


किशनगंज :समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस), विश्व में नवजात शिशुओं से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं शैक्षणिक सेवाओं को लेकर संचालित अनूठे कार्यक्रमों में से एक है। स्वास्थ्य जांच के अंतर्गत छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी, प्रसव-पूर्व देखरेख और धात्री माताओं की प्रसव के बाद देखरेख आदि शामिल हैं। जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में रचना भवन में आयोजित आईसीडीएस की समीक्षा बैठक में यह बातें कही गई। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर , जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया , जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ,सीफार के जिला समन्वयक ,सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम , पोषण अभियान के जिला समन्वयक मंजूर आलम ,पूजा रामदास , जिले के सभी प्रखंडों की सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका सहित अन्य मौजूद थी।






समेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा –


समेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा में जिलाधिकारी के द्वारा सेविका व सहायिका चयन एवं क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों की अद्यतन स्थिति, टोकन प्रणाली से पोषाहार/ टीएचआर वितरण की अद्यतन स्थिति, होम विजिट के माध्यम से आंगनबाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण, मनरेगा एवं आईसीडीएस के अभिसरण से भवन निर्माण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोषण अभियान , न्यायालयवाद की गहन समीक्षा की गयी। इसके उपरांत निर्देश दिया गया कि आईसीडीएस द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन गृह भ्रमण के माध्यम से 100 प्रतिशत सुनिश्चित करने एवं योजनाओं का लाभ लाभुकों तक अनिवार्य रूप से पहुंचे, इसकी पूर्ण जिम्मेवारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं संबंधित सेविका की होगी। प्रत्येक माह टी०एच०आर०/पोषाहार वितरण हेतु निर्धारित तिथि से पूर्व व ससमय राशि की निकासी कोषागार से करना सुनिश्चित करेंगे ताकि विभाग द्वारा निर्धारित तिथि में होम विजिट के माध्यम से टी०एच०आर०/ पोषाहार का लाभ लाभुकों को उपलब्ध कराया जा सके। सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के कुपोषण जांच,प्री स्कूलिंग,पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया। कन्या उत्थान योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवार को दिलवाने हेतु मोबलाइज करने का निर्देश दिया गया। डीपीओ कवि प्रिया ने सख़्त निर्देश दिया कि जन कल्याण की योजनाओ का लाभ पात्र लोगों को दिलवाने में शिथिलता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायगी।


मातृत्व वंदना योजना का मुख्य उद्धेश्य जच्चा-बच्चा देखभाल तथा संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना-


मातृत्व वंदना योजना के ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम ने बताया गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल तथा संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना होता है। महिलाओं को पहले छह महीने तक के लिए स्तनपान के साथ-साथ पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना एवं गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर तरीक़े से स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है। वहीं पीएमएमवीवाई के लिए आवेदन करने के समय आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटोकॉपी, आधार नहीं होने पर अन्य पहचान संबंधी विकल्प, राष्ट्रीयकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस के खाता की पासबुक, सरकारी अस्पताल द्वारा निर्गत स्वास्थ्य कार्ड, सरकारी विभाग/कंपनी/संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र जमा करना अनिवार्य रूप से जरूरी है।

बेहतर आपसी समन्वय से अभियान को बनायें सफल :


बैठक में जिलाधिकारी ने सभी आंगनाबड़ी केंद्रों पर 0 से 6 साल के बच्चों की लंबाई, वजन की जांच करते हुए इसे पोषण ट्रैकर एप पर अपलोड करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाते हुए पखवाड़ा का सफल आयोजन सुनिश्चित कराने की बात कही। निर्धारित एक्शन प्लान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि कुपोषित बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाओं में पोषण के स्तर पर सुधार लाना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। एक मिशन के रूप में इसकी सफलता सुनिश्चित कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया।












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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई सामेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित

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