देश /डेस्क
नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विश्व में भारत माता की विजय करानी है क्योंकि हमको सबको जोड़ना है न कि जीतना है। उन्होंने कहा, “हम किसी को जीतना नहीं चाहते लेकिन दुनिया में दुष्ट लोग हैं जो हमें जीतना चाहता है।” संघ प्रमुख ने कहा “आपस में लड़ाई नहीं होनी चाहिए. आपस में प्रेम चाहिए।विविधता को अलगाव की तरह नहीं देखना चाहिए। एक-दूसरे के दुख में शामिल होना चाहिए। श्री भागवत ने कहा कि विविधता एकत्व की साज-सज्जा है, अलगाव नहीं है।
वही श्री भागवत ने आगे किसी तरह के मंदिर को लेकर आंदोलन नहीं करने की बता कही । उन्होंने ज्ञानवापी मामले का जिक्र करते हुए कहा की ज्ञानवापी का एक इतिहास है जिसे हम बदल नहीं सकते।हमें रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना है ? श्री भागवत ने कहा की झगड़ा बढ़ाने की अवश्यकता नही है। ‘ज्ञानवापी का मुद्दा है। वो इतिहास हमने नहीं बनाया है। न आज के अपने आप को हिंदू कहलाने वालों ने बनाया, न आज के मुसलमानों ने बनाया। उस समय घटा। इस्लाम बाहर से आया, आक्रामकों के हाथों आया। उस आक्रमण में भारत की स्वतंत्रता चाहने वाले व्यक्तियों का मनोबल तोड़ने के लिए देवस्थान तोड़े गए, हजारों हैं। ये मामले उठते हैं।
श्री भागवत ने कहा, ”मुसलमानों के विरूद्ध हिंदू नहीं सोचता है।आज के मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे। हमने 9 नवंबर को कह दिया कि एक राम जन्मभूमि का आंदोलन था, जिसमें हम सम्मिलित हुए। हमने उस काम को पूरा किया।अब हमें आंदोलन नहीं करना है।लेकिन मन में मुद्दे उठते हैं। ये किसी के विरूद्ध नहीं है।मुसमानों को विरूद्ध नहीं मानना चाहिए, हिंदुओं को भी नहीं मानना चाहिए। अच्छी बात है, ऐसा कुछ है तो आपस में मिल बैठकर सहमति से कोई रास्ता निकालें। लेकिन अगर हल बाहर नहीं निकल सकता तो कोर्ट जाते हैं तो जो कोर्ट फैसला देता है उसको मानना चाहिए ।
श्री भागवत ने कहा, रोज एक मामला निकालना ठीक नहीं है। ज्ञानवापी के बारे में श्रद्धाएं हैं, परंपराएं हैं। ठीक है।परंतु हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है।ठीक है बाहर आई है।लेकिन जिन्होंने इसे अपनाई है, वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते हैं। हमारे यहां किसी पूजा का विरोध नहीं है। सबके प्रति पवित्रता की भावना है। श्री भागवत ने कहा कि कुछ हिंदू संगठनों ने देश में कई स्थानों पर मस्जिदों के स्थान पर मंदिर बनाने की मांग की क्योंकि उन्हें लगा कि ये विवादित हैं।ऐसे मामलों में कुछ संगठनों ने आरएसएस को भी जोड़ने की कोशिश की। ऐसे किसी भी आंदोलन में आरएसएस शामिल नहीं होगा। श्री भागवत ने आगे कहा की देश के लिए हर युद्ध में कुछ राष्ट्रीय प्रवृत्ति के मुसलमान हिंदुओ के साथ लड़े हैं, वो सब मुसलमानों के लिए आदर्श हैं। उनका संबंध यहाँ से है, बाहर से नही है ।वही उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया और कहा रुस और यूक्रेन के युद्ध ने हमारे जैसे राष्ट्र के लिए सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियाँ बढ़ा दी हैं। हमको अपने प्रयासों को और दृढ़ करना पड़ेगा, अधिक शक्तिसम्पन्न होना पड़ेगा ।