झाड़फूंक के चक्कर में पड़ कर एक सर्पदंश पीड़ित की जाते जाते बची जान

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किशनगंज/सागर चन्द्रा

झाड़फूंक के चक्कर में पड़ कर एक सर्पदंश पीड़ित की जान जाते जाते बची। रविवार दोपहर परिजनों ने उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डयूटी पर तैनात चिकित्सक और कर्मियों के मैराथन प्रयास के बाद उसकी स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। हालांकि चिकित्सक ने अगले 24 घंटे तक उसके स्वास्थ्य के संबंध में कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया है।






जानकारी के अनुसार टाउन थाना क्षेत्र के फरसाडांगी गांव निवासी मारवेज आलम पेशे से दैनिक मजदूर है। रविवार सुबह वह निर्मानाधीन नुनिया – फरसाडांगी पथ पर अपने साथियों के साथ मिट्टी भराई का काम कर रहा था। इसी दौरान एक विषधर ने उसे डंक मार दिया। पीड़ित के द्वारा शोर मचाने पर साथी मजदूर मौके पर पहुंच गए। साथियों ने फौरन मारवेज के परिजनों को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंचे परिजनों ने अंधविश्वास के चक्कर में पड़ कर उसे नुनिया गांव निवासी तांत्रिक तैमूर आलम के पास झाड़फूंक के लिए ले गए।

वहीं तैमूर झाड़फूंक के नाम पर तरह तरह के करतब दिखाने के साथ साथ जहर उतरने का दावा भी करने लगा। लगातार बीतते समय के साथ सांप के जहर ने असर दिखाना शुरू कर दिया। इधर घंटों झाड़फूंक के कारण मारवेज की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसे देख परिजनों के होश उड़ने लगे। इस बीच तांत्रिक तैमूर ने सारा नाटक बंद कर अपना हाथ खड़ा कर दिया। घटना के बाद परिजनों ने मूर्क्षित मारवेज को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाजरत मारवेज की स्थिति फिलहाल गंभीर बनी हुई है।











झाड़फूंक के चक्कर में पड़ कर एक सर्पदंश पीड़ित की जाते जाते बची जान

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