किशनगंज /घनश्याम सिंह
नेपाल से आए हाथियों के झुंड द्वारा उत्पात जारी है ।मालूम हो कि दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र के धनतोला में हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान है। एक दर्जन से अधिक की संख्या में हाथियों का झुंड पिछले 27 दिनों से गांव के बीच खेतों में डेरा डाले हुए हैं। शुरुआती दिनों को छोड़ वन विभाग अब रेस्कयू करना तो दूर हाथियों से होने वाले क्षति एवं मुआवजे को लेकर पूरी तरह से चुप्पी साध लिया है।
गौरतलब है कि हाथियों के आतंक से निजात पाने को लेकर वन विभाग ने धनतोला पंचायत भवन में पिछले महीनें अस्थाई कैम्प का गठन करते हुए कैम्प में 4 वनकर्मीयों की तैनाती के अलावे हाथियों को भगाने के लिए बंगाल के बांकुड़ा से स्पेशल टीम को मंगाया। बाबजूद हाथियों को अब तक भगाना तो दूर हाथियों से होने वाले किसानों के फसलों एवं अन्य क्षति का रोक नहीं पायीं हैं। बतातें चलें कि हाथियों ने पिछले करीब एक महीनें में मुलाबारी,पीपला,खाड़ीटोला, ठुकनावस्ती,धनतोला चौक,जादूटोला गांव के दर्जनों किसानों के लाखों की खड़ी मक्का की फसलों को रौंद डाला है। जबकि हाथियों ने आधे दर्जन से अधिक बिजली के खंबो को भी नष्ट कर डाला है।

बीते दिनों हाथियों ने धनतोला दिघलबैंक सड़क के बांसझार के समीप आ धमकने फिर घंटों तक सड़क कब्जा कर रहने से दिघलबैंक से धनतोला की और आने वाले कई सवारी गाड़ियों को रास्ता बदलना पड़ा। इस बीच हाथियों ने बगल के खेतों को हमेशा की तरफ रौंदते हुए समाने पड़े बिजली के एक पोल को नष्ट करते हुए जमींदोज कर दिया हैं। हाथियों द्वारा अधिकांश एग्रीकल्चर फीडर की पोल नष्ट करने से किसानों के समीप पटवन की समस्या उत्पन्न हो गयी है। गौरतलब हो की गजराज अभी तक लाखो की फसल के साथ साथ मकानों को भी क्षतिग्रस्त कर चुके है वही पिछले महीने एक वृद्ध महिला की भी मौत हो चुकी है ।जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के निर्देश पर प्रखंड प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए बैठक भी की गई ताकि हाथियो को किसी तरह से निकाला जा सके ।लेकिन गजराज है की टस से मस होने का नाम नहीं ले रहे है जिससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
स्थानीय किसान गौतम लाल गणेश, संजीव कुमार गणेश, भूषण प्रसाद गुप्ता,बिष्णु प्रसाद गणेश,चंददेव सिंह,तारणी प्रसाद सिंह सहित दर्जनों किसानों ने जल्द बिजली के खम्बों की मरम्मती की मांग कर रहें हैं ताकि बचे फसलों को बचाया जा सकें साथ ही मुआवजे की मांग कर रहे है ।



