राजेश दुबे
बिहार की राजनीति में ओवेशी पूरे धमक के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने के लिए कमर कस मैदान में उतर चुके है ।मालूम हो कि कोसी और पूर्णिया प्रमंडल को मिला कर इस क्षेत्र में 37 सीटें आती हैं ।जिसमें पूर्णिया मंडल में 24 व कोसी मंडल में 13 सीटें हैं। अभी ओवेशी की पार्टी AIMIM के द्वारा राज्य के 32 सीटों की सूची जारी की गई है ।जिसकी संख्या आगे बढ़ कर 100 तक पहुंचने के कयास लगाए जा रहे हैं ।
मालूम हो कि सीमांचल की 25 सीटों पर मुसलमान मतदाता जहां निर्णायक होते हैं, वहीं शेष सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाता परिणाम को प्रभावित करते हैं। किशनगंज में 70 प्रतिशत, कटिहार में 45, अररिया में 35 और पूर्णिया में 35 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।मालूम हो की पिछले विधान सभा चुनाव 2015 में ओबेसी ने सिर्फ 6 विधान सभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतारे थे यह देखने के लिए की बिहार में पार्टी का भविष्य क्या है ।जिनमे किशनगंज,रानी गंज,बैसी,अमौर ,बलरामपुर ,कोचाधमन विधानसभा शामिल थे ।
हालाकि बहुत कम अंतर से इन सभी सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन इन 5 सालो में मुस्लिम मतदाताओं में तेजी से पकड़ इस पार्टी ने बनाया है ।लोकसभा चुनाव में किशनगंज के चार विधान सभा क्षेत्रों के आंकड़ों सहित वाईसी और अमौर विधान सभा में मिले मत प्रतिशत को देखे तो सभी विधान सभा क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवार अख्तरुल ईमान ने भारी मत हासिल किया था अगर जिले के हिन्दू मतदाता कांग्रेस को अपना वोट नहीं देते तो जीत सुनिश्चित थी ।
मालूम हो कि 2020 चुनाव में अभी 32 सीटों की सूची जारी की गई है जिसमें किशनगंज सामिल नहीं है यहां पार्टी के मुताबिक 4 विधान सभा सीटों पर पार्टी चुनाव लडेगी ।किशनगंज सदर विधान सभा क्षेत्र पर अभी Aimim का कब्जा है । बिहार के जिन 32 सीटों की सूची जारी की गई है उनमें दलित और पिछड़े वर्ग के साथ साथ मुस्लिम आबादी लगभग 40 % से ऊपर है जो किसी भी पार्टी के हार जीत के लिए अहम भूमिका निभा सकती हैं ।
ये मतदाता बहुत हद तक अभी महागठबंधन को अपना वोट देते रहे है ।राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अभी भी कुछ लोग नेता मानते है लेकिन तेजस्वी यादव अभी भी परिपक्व मतदाताओं के सामने बच्चे ही है ।AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि उनके लिए महागठबंधन और एनडीए एक समान है और किसी से गठबंधन हो ही नहीं सकता ।
अब अगर AIMIM के नेता अशद उद्दीन ओवेशी जिन्होंने सीमांचल के मतदाताओं को रिझाने के लिए स्पेशल स्टेटस 371 का दर्जा सहित क्षेत्रीय विकास परिषद के गठन की मांग पूर्व में की है और जिस तरह से इस क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं में CAA ,NRC सहित अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सहित राज्य सरकारों पर मुखर रहे है ,पर यहां के मतदाता विश्वास कर लेते है तो इस क्षेत्र में राजद के माई समीकरण की जगह एमडी अर्थात मुस्लिम दलित समीकरण महागठबंधन के मंसूबे पर पानी फेर सकता है ।