देश/डेस्क
चीनी इंटेलीजेंस को संवेदनशील जानकारी देने के लिए फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को शासकीय गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया।वहीं दिल्ली पुलिस ने एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी शेल कंपनियों के जरिए उसे बड़ी मात्रा में पैसे देने के लिए गिरफ्तार किया गया ।
दिल्ली पुलिस द्वारा बताया गया कि ये चीन को दवाएं एक्सपोर्ट करते थे और वहां से आने वाले पैसे को यहां एजेंट्स को सप्लाई करते थे। पिछले 1 सवा साल से 40-45 लाख रुपए इनके पास आए चुके हैं। पुलिस ने बताया कि इनके पास से 10-12 फोन, लैपटॉप, टैब और चाइनीज़ ATM कार्ड बरामद हुए हैं ।

पुलिस ने यह भी बताया कि इनकी दूसरे देशों में मीटिंग्स होती थीं। भारत-चीन सीमा मुद्दे पर, सीमा पर सेना की तैनाती और सरकार द्वारा तैयार रणनीति आदि की जानकारी उनके साथ साझा की जाती थी। मालूम हो कि गिरफ्तार हुए चाइनीज़ महिला और नेपाली नागरिक ने महिपालपुर में एक सेल कंपनी बना रखी है जिसके जरिए यह सारा खेल चल रहा था ।
पुलिस फिलहाल तीनों से और पूछताछ कर रही है और एक बड़े नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है ।मालूम हो कि अभी हाल ही में एक अखबार द्वारा यह खबर प्रकाशित कि गई थी कि चीन के द्वारा भारत के करीब दस हजार लोगों की जासूसी करवाई जा रही है ।
जिनमे प्रधानमंत्री , कई पूर्व प्रधानमंत्री ,राजनयिक ,सेना के पूर्व अधिकारी एवं पत्रकार शामिल हैं जिसके बाद अब इन तीनों की गिरफ्तारी हुई है जिससे समझा जा सकता है की चीन किस तरह खुफिया जानकारी एकत्रित करने में जुटा हुआ है ।