किशनगंज /प्रतिनिधि
पुर्णिया जिले के चंदवार में उमेश चंद्र सिंह की देख-रेख में दिव्य वातावरण में एक दिवसीय प्रज्ञा आयोजन एवं गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया।मालूम हो की प्रखंड संयोजक पंचानन सिंह की टोली द्वारा कार्यक्रम संपन्न कराया गया।कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों से लोग पहुंचे । यज्ञ के माध्यम से विभिन्न प्रकार के संस्कार संपन्न हुए । प्रखंड संयोजक पंचानन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि युग निर्माण योजना अखिल विश्व गायत्री परिवार पूरे विश्व को एक पारिवारिक सूत्र में बांधकर विश्व बंधुत्व का भाव जगाने का कार्य करना हमारा उद्देश्य है।
मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत प्रधानाध्यापक श्यामानंद झा ने जन समूह को अपने संबोधन में यज्ञ एवं जीवन कौशल पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा, कि हमारा जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हम कितने खुश हैं, अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी वजह से कितने लोग खुश हैं।
उन्होंने प्रकृति के तीन कड़वे नियम की चर्चा करते हुए कहा यदि खेतों में किसान द्वारा बीज न बोया जाए तो प्रकृति उसे जंगलों से भर देती है, ठीक उसी प्रकार दिमाग में सकारात्मक विचार न भरे जाए तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना लेती है। जिस इंसान के पास जो उपलब्ध होता है वही बताता भी है। इसलिए धर्म के माध्यम से जीवन को चलाने पर अच्छे विचार और सुंदर कर्म बाटे जा सकते हैं। जिसके लिए नियमित उपासना की आवश्यकता है। प्रकृति द्वारा प्राप्त साधनों को बचाने की आवश्यकता है अन्यथा अनर्थ का कारण बन सकता है। जीवन साधना के रूप में त्याग एवं सेवा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार के समर्पित कार्यकर्ता चार दशक से कार्य करते हुए सखी लाल जी के आकस्मिक निधन से पूरा परिवार मर्माहित को उठा। 82 वर्षीय सखी भाई को यज्ञ के माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई।
यज्ञ संचालन में उमेश चंद्र सिंह, पंचानन सिंह, देवेंद्र लाल दास, शंभू लाल सिंह, डॉ गणेश साह, अब्दुल खालिक, बीना देवी, ब्रह्मदेव यादव, भवेश कुमार सिंह, लखी चरण सिंह, आदि की सराहनीय भूमिका रही।