भारत बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों के द्वारा मदद करवाई गई मुहैया
किशनगंज /सागर चन्द्रा
सोमवार को भारत बांग्लादेश सीमा के निकट दर्दनाक हादसे में चार बच्चों की मौत हो गई। मालूम हो की जेसीबी के जरिए मिट्टी खुदाई का कार्य चल रहा था जहां बच्चे खेल रहे थे उसी दौरान मिट्टी धसने से यह दर्दनाक हादसा हुआ। हालाकि आनन फानन में सीमा सुरक्षा बल के द्वारा मुहैया करवाई गई वाहन से बच्चो को अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक बच्चो की मौत हो चुकी थी।
बीएसएफ द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि लगभग 1250 बजे, भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात बॉर्डर आउट पोस्ट चेतनगाच के बीएसएफ जवानों ने अपनी ड्यूटी के स्थान से लगभग 300 मीटर की दूरी पर ग्रामीणों का कुछ असामान्य शोर सुना।
जवानों ने तुरंत मामले की जानकारी कंपनी कमांडर को दी, जो बीओपी के कुछ जवानों के साथ मौके पर पहुंचे और देखा कि कुछ ग्रामीण जमीन खोद रहे थे और मिट्टी के नीचे दबे कुछ बच्चों को निकालने की कोशिश कर रहे थे। मामले के बारे में नागरिकों से पूछने पर नागरिकों ने बताया कि कुछ लोग घटनास्थल से एक जेसीबी और कुछ ट्रैक्टरों की मदद से मिट्टी की खुदाई कर रहे थे, कुछ बच्चे भी वहां खेल रहे थे, अचानक मिट्टी ढीली होने के कारण धंस गई और उनके ऊपर गिर गई ।
जिस कारण चार बच्चे मिट्टी में दब गये थे। कंपनी कमांडर ने तुरंत बच्चों को चिकित्सा देखभाल के लिए अस्पताल ले जाने के लिए 02 बीएसएफ वाहन उपलब्ध कराए । क्योंकि नागरिकों के पास उस समय कोई अन्य वाहन उपलब्ध नहीं था। हालांकि, सिविल अस्पताल इस्लामपुर पहुंचने पर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने चारों बच्चों की जांच की और उन्हें मृत घोषित कर दिया।घटना के बाद पूरे इलाके में कोहराम मच गया और परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है ।
मालूम हो की बीएसएफ हमेशा जरूरत के समय सीमावर्ती आबादी की मदद करती है और उसके साथ खडी रहती है, चाहे कोई भी समय हो और वह पहली प्रतिक्रियाकर्ता है जो सीमावर्ती आबादी को आवश्यक सहायता और सहायता प्रदान करती है।