राजेश दुबे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 5वे और अंतिम पत्रकार वार्ता में रविवार को तकनीकी शिक्षा सहित हेल्थ वर्करों के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी और कहा कि तकनीकी आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। पीएम ई विद्या प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी। यह ऑनलाइन एजुकेशन के लिए होगा।वहीं नेशन वन डिजिटल प्रोग्राम आएगा। 1 से 12 तक की कक्षाओं के लिए हर क्लास के लिए एक चैनल लॉन्च होगा। कम्युनिटी रेडियो का भी सदुपयोग किया जाएगा की जानकारी दी इसी तीन नए शिक्षा चैनल जिसमें स्पेशल ई कंटेंट , दिव्यांग बच्चों के लिए। साथ ही उन्होंने बताया कि टॉप 100 विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन ऑटोमैटिक कोर्सों की शुरुआत की जाएगी। मानसिक सपोर्ट के लिए मनो दर्पण प्रोग्राम आएगा। वित्त मंत्री ने स सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है। ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी और जिला स्तर के सभी अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों के लिए अलग से ब्लॉक बनाया जाएगा। लैब नेटवर्क को बेहतर बनाया जाएगा। महामारी से मुकाबले के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर एकीकृत स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी ।वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा के लिए बजट आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की जाएगी। इससे गांवों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों को अधिक काम मिलेगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वित्त मंत्री ने बताया कि हेल्थ वर्कर्स के लिए 50 लाख के बीमा की व्यवस्था की गई है। उन्हें सुरक्षा देने के लिए महामारी एक्ट में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि करोना काल में शिक्षा के लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा हैं। एयर एजुकेशनल वीडियो कंटेंट बढ़ा है।उन्होंने बताया कि 300 से अधिक घरेलू निर्माता अभी पीपीई के है, जबकि करोना वायरस से पहले एक भी घरेलू निर्माता नहीं था। उन्होंने बताया कि अब तीन लाख से अधिक पीपीई देश में बनाई जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए हैं। कोविड-19 के लिए 15,000 करोड़ रुपये की घोषणा सरकार ने की थी। इसमें से 4,113 करोड़ रुपये राज्यों को रिलीज किए जा चुके हैं।आवश्यक वस्तुओं के लिए 3,750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। टेस्टिंग लैब्स और किट्स के लिए 550 करोड़ रुपये का प्रावधान केंद्र सरकार कर चुकी है।वित्त मंत्री ने बताया कि संकट में अवसर देखने का काम सरकार कर रही है। उसकी रूपरेखा आत्मनिर्भर भारत पैकेज में रखी गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न सरकार ने दिया है।डीबीटी के जरिए उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को फायदा पहुंचाया गया है। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए 35 करोड़ खाद्यान्न के लिए अलग से खर्च किए हैं। 86000 करोड़ के लोन किसानों को दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि 12 लाख ईपीएफओ मेंबर्स ने ऑनलाइन निकासी की सुविधा का फायदा उठाया। 2.02 निर्माण से जुड़े मजदूरों को सीधी मदद पहुंचाई गई। वित्त मंत्री ने पीएम के द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद बुधवार से ही लगातार देश को संबोधित कर रही थी जिसका आज अंतिम दिन था ।