मासूम को बाल ह्रदय योजना से मिली नई जिंदगी ,बच्ची को जन्म से था हृदय विकार

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  • हुआ मुफ्त व सफल इलाज, शारीरिक विकास हो रहा था बाधित
  • स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन:

किशनगंज /प्रतिनिधि


राज्य सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना बाल हृदय योजना बच्चों के लिए सचमुच वरदान साबित हो रही है। जिसका जीवंत उदाहरण किशनगंज जिला मुख्यालय में देखने को मिला है। इसी योजना का लाभ उठाकर जिला के कोचाधामन प्रखंड के नियामतपुर ग्राम निवासी  मो हुसैन की 10 माह की बच्ची मिनन्ति प्रवीन को नई जिंदगी मिली है। बता दें कि मिनन्ति प्रवीन के जन्म के डेढ़ माह के बाद लगातार बुखार और शारीरिक वृद्धि बाधित होने  लगी थी। उसके बाद परिजनों ने चिकित्सकों से दिखाया।

तब चिकित्सकों की जांच में पता चला कि बच्ची के ह्रदय में एक से अधिक विकार ;टोफद्ध हैं। चिकित्सकों ने उक्त बीमारी का इलाज कराने में लाखों रुपये खर्च की जरूरत बताई। जो कि एक दैनिक मजदूरी कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले परिवार के लिए काफी मुश्किल था।

तभी घर के समीप स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन हुआ था। उस शिविर में पहुंचकर मिनन्ति प्रवीन के अभिभावकों ने जांच के दस्तावेज डॉ ब्रह्मदेव शर्मा को दिखाया। शिविर में जांच करने के उपरांत डॉक्टर ने बाल ह्रदय योजना की जानकारी देते हुए मिनन्ति प्रवीन के अभिवावक को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक को संदर्भित कर दिया। तत्पश्चात पटना स्थित इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान के माध्यम से गुजरात राज्य के अहमदाबाद स्थित सत्य साई अस्पताल में इसी वर्ष जुलाई  माह में इलाज कराया गया।  अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। इस बाबत  मिनन्ति प्रवीन की मां ने बताया बाल ह्रदय योजना की शुरुआत होने से ही हमारी बेटी को नया जीवन मिल पाया। अगर उक्त मुफ्त सुविधा हमलोगों को नहीं मिलती तो आर्थिक तंगी के कारण उसका इलाज करा पाना असंभव था। उन्होंने सरकार की इस योजना को शुरू करने के लिए दिल से धन्यवाद दी। कहा कि हमें पूरे इलाज के क्रम में एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ा जो हम जैसे गरीब लोगों के लिए बहुत बड़ी बात है।
शून्य से 18 वर्ष के बच्चों की पहचान एवं की जाती है स्क्रीनिंग-
सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि सूबे में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के विकास और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर सरकार कृत संकल्पित है। जिले में लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने को लेकर जहाँ प्रशासन पूरी तरह गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए सात निश्चय योजना की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है।

जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ्य हो रहे और बच्चों को नई स्वस्थ्य जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है। अब तक कुल 10 बच्चे के मामले में  जो जन्म से लेकर अठारह 0 से 18 वर्ष तक में विशिष्ट रोग सहित 4 डी अर्थात चार प्रकार की परेशानियों के लिए शीघ्र पहचान और प्रारंभिक हस्तक्षेप किया गया है।

इन चार परेशानियों में जन्म के समय जन्म दोष, बीमारी, कमी और विकलांगता सहित विकास में रूकावट की जांच शामिल है। उनमें से मिनन्ति प्रवीन का अहमदाबाद में सफलतापूर्वक इलाज हो चुका है। वह अब पूर्ण रूप से ठीक हो चुकी है |

  • स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन :
    सिविल सर्जन डॉ  किशोर ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल
    के बच्चों में होने वाले कुल 44 रोगों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिये आरबीएसके टीम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इसमें बाल हृदय योजना भी शामिल है। इस योजना के तहत हृदय में छेद सहित विभिन्न तरह के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का इंतजाम है। रोगग्रस्त बच्चों की पहले विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जरूरी जांच की जाती है। फिर जरूरी पड़ने पर उन्हें बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में आने वाला खर्च सरकार वहन करती है। आम लोगों को सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिये।

विभाग के प्रयास पर परिवारजनों में है विशेष उत्साह –
उक्त योजना के तहत इलाज होने के मुद्दे पर मिनन्ति प्रवीन के पिता ने कहा मेरी पुत्री के निःशुल्क  इलाज से हम सभी परिवार के लोग उत्साहित हैं। हमें जीने की आस भी मिली है। यह राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा गरीब परिवारों के बच्चों के लिए महत्वाकांक्षी और सफल योजनाओं में से एक है। इस कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा  ने बताया हमारी टीम लगातार ऐसे बच्चों की पहचान में जुटी हुई है।प्राथमिकता के तौर पर उनके मेहनत को अंजाम देने के लिए हम सभी तत्पर हैं। सिविल सर्जन डॉ.  किशोर ने राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के टीम के कार्यों की सराहना करते हुए कहा सरकार की बाल ह्रदय योजना  एक विशेष पहल है।

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मासूम को बाल ह्रदय योजना से मिली नई जिंदगी ,बच्ची को जन्म से था हृदय विकार

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