भारत-बांग्लादेश सीमा के 25 किलोमीटर के दायरे में मेडिकल कॉलेज का चीन कर रहा है निर्माण
रिपोर्ट :राजेश दुबे
चिकेन नेक से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर चीन करोड़ो रुपए का निवेश कर रहा है ।जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हो चुके है ।मालूम हो की चीन के द्वारा किशनगंज से सटे फुलवारी बॉर्डर के करीब पंचागढ़ , बंग्लादेश में कथित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निर्माण करवाया जा रहा है। यह इलाका सिलीगुड़ी और किशनगंज से अधिक दूरी पर नही है ।जानकारी के मुताबिक 2.5 अरब रुपये के इस प्रोजेक्ट के मुख्य निवेशक सह चेयरमैन झुझांग लिफेंग है ।
सूत्रों की माने तो चीन के इंजीनियरों ने कार्य के नाम पर बॉर्डर पर बेस बना लिया है। भारत-बांग्लादेश सीमा के 25 किलोमीटर के दायरे में पंचगढ़-तेनतुलिया राजमार्ग के साथ दरियापारा क्षेत्र में 32 एकड़ जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो चुका है।उत्तर बंग संवाद में छपी रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट का नाम नॉर्थ प्वाइंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल है।
जिस स्थान पर कार्य चल रहा है वहां से फूलबाड़ी की दूरी काफी कम है ।वही जलपाईगुड़ी से चौलहटी की दूरी लगभग 25 किमी है।अगर किशनगंज की बात करे तो लगभग 60 किलोमीटर की दूरी होगी जहा इस प्रोजेक्ट का निर्माण हो रहा है।गौरतलब हो की बीते 8 अप्रैल को
बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी ने चीनी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में परियोजना का शिलान्यास किया था।
सिलीगुड़ी कॉरिडोर के साथ सीमा के इतने करीब बड़े पैमाने पर हो रहे चीनी निवेश से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए है और खुफिया तंत्र इसका जवाब तलाशने में जुटी हुई है की इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर निवेश का उद्देश्य क्या है ।गौरतलब हो की नेपाल और भूटान में चीन कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जो की भारतीय सीमा से बिल्कुल सटा हुआ है।
यही नहीं बांग्लादेश में ऐसे कई आतंकी संगठन मौजूद है जिनके द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है ।कई आतंकी घटनाओं में बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की संलिप्तता पूर्व में उजागर हो चुकी है ।जिसके बाद भारतीय सीमा से सटे इलाके में चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में निवेश के कई मायने निकाले जा रहे है ।सूत्रों की माने तो केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी ने उद्घाटन समारोह का विडियो दिल्ली भेजा है साथ ही पूरे मामले की जांच भी की जा रही है।
केंद्रीय एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पंचगढ़ के प्रोजेक्ट एरिया में चीनी कंपनी ने बहुत बड़ा टेंट बनाया है ।परियोजना के प्रारंभिक चरण के लिए चीन से लगभग सौ लोगों की एक टीम पंचगढ़ में मौजूद है और सारा काम चीन के इंजीनियर के द्वारा ही किया जा रहा है।यही नहीं इस प्रोजेक्ट में स्थानीय इंजीनियरों को नही लगाया गया है।
सूत्रों की माने तो चीनी इंजीनियर कभी-कभी इलाके में हाई-टेक ड्रोन उड़ाते हैं। ड्रोन का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है, इस पर लोगो की शंका और बढ़ चुकी है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि चीन ड्रोन के जरिए गुपचुप तरीके से सीमा की निगरानी कर रहा है ।
जानकारों का कहना है की चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत चिकेन नेक से सटे इलाके में निवेश कर अपनी पैठ बनाना चाहता है ,क्योंकि अगर उसका उद्देश्य व्यवसायिक होता तो वो बॉर्डर इलाके को छोड़ अन्य किसी स्थान पर निवेश करता ।
ऐसे में जरूरत है भारत बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ाए जाने की ताकि अगर चीन नापाक हरकत करे तो उसे समय पर मुहतोड़ जवाब दिया जा सके।
फोटो साभार:इंटरनेट