टेढ़ागाछ (किशनगंज)विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र स्थित विभिन पंचायत होकर बहने वाली रेतुआ नदी में महानंदा बेसिन परियोजना के तहत बांध निर्माण के लिए की जा रही जमीन अधिग्रहण को लेकर जिला परिषद सदस्या इमरत आरा ने जिला स्तरीय बैठक में मामले को उठाया और गंभीरता पूर्वक ध्यान आकृष्ट करने की बात कही। इसके पूर्व भी विधायक अंजार नईमी को स्मार पत्र देकर बांध निर्माण से संबंधित समस्या से अवगत कराया गया था। टेढ़ागाछ किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अकमल समसी ने बताया की जल संसाधन कार्यालय किशनगंज में जल निस्सरण पदाधिकारी को भी अवगत करा चुके हैं।

वहीं इमरत आरा ने महानन्दा बेसिन परियोजना से उत्पन्न किसानों की समस्याओं के निदान के लिए त्रुटियों में सुधार जरूरी है। पर विभागीय स्तर से अबतक उत्पन्न समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकला गया है।यहाँ तक कि पूर्व नियोजित नक्से पर किसानों की जमीन को चिन्हित की जा रही है।बांध का निर्माण रेतुआ नदी के दोनों किनारों से पांच सौ मीटर दूरी से भी अधिक बनाने को लेकर किसानों को आपत्ति है।
किसानों का कहना है कि रेतुआ नदी में बरसात के दिनों में दोनों किनारों के आसपास पानी रहता है और कटाव भी होते रहता है।जिसके लिए बांध या कटाव रोधक बनाने की जरूरत है।जिससे रेतुआ नदी के किनारे बसे गाँव भी कटाव व बाढ़ के चपेट से बचाया जा सके।लेकिन महानन्दा बेसिन परियोजना के तहत निर्माण होने वाली बांध नदी किनारे बसे सैकड़ों गाँव व हजारों की आवादी को बांध के भीतर ले लेगी और बाढ़ के समय में सैकड़ों गाँव बाढ़ में डूबेगी।जिससे हजारों की आबादी जल मग्न होने से डूब जायेगी।इस बांध के निर्माण में अगर नदी के दोनों किनारों की दूरी में संशोधन कर कम नहीं किया गया तो यह बांध टेढ़ागाछ के लोगों के लिए विनाशकारी बांध होगा।टेढ़ागाछ के भौगोलिक स्थिति से अनभिज्ञ हैं।