किशनगंज:टेढ़ागाछ में ऑन लाइन दाखिल खारिज कराना किसान को पड़ रहा है महंगा

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टेढ़ागाछ (किशनगंज) विजय कुमार साह

टेढ़ागाछ में ऑन लाइन दाखिल खारिज कराना किसानों को महंगा पड़ रहा है।विश्वस्त सूत्रों के अनुसार ऑन लाइन रशीद कटवाने एवं दाखिल खारिज कराने के लिए टेढ़ागाछ के किसानों को बिचौलियों को भेंट चढ़ाना पड़ता है। सूत्र बताते हैं कि सीओ के नाम पर रैयती किसानों को दाखिल खारिज व रशीद कटवाने के लिए मोटी रकम भेंट दी जाती है तब जाके सीओ का डुंगल एक्टिव मोड में आता है।

टेढ़ागाछ प्रखंड में जब से आनलाइन दाखिल – खारिज एवं आनलाइन रसीद कटवाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।तब से बिचौलिए की चांदी कटने लगी है। दाखिल -खारीज, और आनलाइन रसीद कटवाने के लिए मटियारी, डाकपोखर,बैगना,सुहिया, पंचायत के रैयती किसान रोज कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं।लोगो का कहना है कि हल्का कर्मचारी मोहम्मद तारिक अहमद राजस्व कर्मचारी को पांच पंचायत का प्रभार है। जिसके वजह से उनसे नियमित रूप से भेंट नहीं हो पाती है। उनके जगह पर कार्यालय में बिचौलिए हीं कामकाज देखते हैं।

आफिस में कोई डाटा ऑपरेटर नहीं बैठता है। भाजपा के मंडल अध्यक्ष रवि कुमार दास का कहना है कि सरकार के तरफ से रैयत को यह सुविधा पारदर्शी, समयबद्ध, एवं जनोपयोगी बनाने के लिए आनलाइन व्यवस्था शुरू की गई थी। पर सुविधा के नाम पर रैयती किसान को परेशान किया जा रहा है। जबकि दाखिल-खारिज की पुरी प्रक्रिया आनलाइन हो गई है। इसमें सामिल सभी कर्मीयों की जिम्मेदारी व निपटारे का समय तय किया गया है।पर रैयत जानकारी के अभाव में बिचौलिए के फेरे में पड़ कर ठगी के शिकार हो रहे हैं।

अभी तक एक बार भी मटियारी,बैगना, डाकपोखर , पंचायत में जागरुकता शिविर का आयोजन नहीं किया गया है। जिससे यहां के रैयती किसान सबसे ज्यादा बिचौलिए के हाथों ठगी के शिकार बन रहे हैं।इस अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ रैयत को मिले इसके लिए प्रशासन स्तर पर इन पंचायतों में जागरुकता अभियान आज तक नहीं चलाया गया।

जिससे इलाके के रैयती किसान भीम प्रसाद सिंह, चमनलाल साह, सोहनलाल, सिंह,सिकनदेव सिंह, सुखदेव प्रसाद सिंह,सुगन लाल सिंह,खुशी लाल मंडल, अश्विनी दास,बलराम सिंह, आदि दर्जनों लोग परेशान हैं। वहीं इस संबंध में हल्का कर्मचारी तारीक अहमद ने बताया कि अभी तक इन पंचायतों में जागरुकता अभियान और शिविर के आयोजन के लिए कोई तारीख निश्चित नहीं की गई है।

किशनगंज:टेढ़ागाछ में ऑन लाइन दाखिल खारिज कराना किसान को पड़ रहा है महंगा

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