जिला में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए कैंप आयोजन
सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित होगा कैंप
किशनगंज /प्रतिनिधि
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के राज्य परियोजना निदेशक के निर्देश के आलोक में जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के निर्देश पर जिले के किशनगंज प्रखंड के बीआरसी में एक दिवसीय कैम्प लगाकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड कैंप में आने वाले बच्चों का दिव्यांगता का जांच कर प्रमाण पत्र निर्गत किया गया ।ज्ञात हो की दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने हेतु रोस्टर के अनुसार जिले के सभी प्रखंड में बुधवार से आगामी 29 जून तक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक किशनगंज प्रखंडों से कैंप का आयोजन शुरू होगा जो अलग अलग तारीख को अलग अलग प्रखंड में कैम्प आयोजित किया जायेगा ।
दिव्यांगता जांच शिविर में 50 दिव्यांगों बच्चो का जांच कर उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभास कुमार गुप्ता ने बताया की दिव्यांगता जांच शिविर में 105 दिव्यांगों का जांच किया गया है उन्हें 50 बच्चों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया है । साथ ही दिव्यांग का प्रमाण पत्र का नवीनीकरण भी हुआ। बिहार शिक्षा परियोजना के समावेशी शिक्षा संभाग अंतर्गत दिव्यांग का प्रमाण पत्र का नवीनीकरण शिविर का आयोजन किया गया था। यहां 6 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के वैसे छात्र-छात्राओं को दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, जो इस लायक थे। यहां पर 105 छात्र-छात्राओं का रजिस्टेशन कर दिव्यांगता जांच की गई। जिसमें 50 को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।वही जिले के बहादुरगंज बीआरसी में 23 जून, ,दिघलबैंक बीआरसी में 24 जून, कोचाधामन बीआरसी में 25 जून, पोठिया बीआरसी में 27 जून, ठाकूरगंज बीआरसी में 28 जून एवं टेढ़ागाछ बीआरसी में 29 जून को कैंप का आयोजन किया जायेगा ।यह आयोजन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ के के कश्यप की देखरेख में किया गया। गौरतलब हो कि नाक,कान, गला, मुख बधिर एवं मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे अपने सम्बंधित रोग का एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जांच कराकर जांच रिपोर्ट दिव्यांग आवेदन के साथ संग्लन करना आवयश्क है।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र के साथ प्रमाण पत्र का नवीकरण का कार्य भी किया गया
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने बताया की बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने जारी पत्र में उल्लेख किया है कि कैंप में वही भाग लेंगे, जिनका दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बना है अथवा नवीकरण की आवश्यकता है। जिन दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र है, उसे कैंप में ले जाने की आवश्यकता नहीं है। कैंप स्थल पर धूप, लूं, आंधी और तूफान से बचाव के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। कैंप स्थल पर सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क और फर्स्ट एड की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर किया जा सकता है।
इसके लिए पारा मेडिकल स्टाफ को आवश्यक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं एसएसए इस कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी होंगे तथा दिव्यांग बच्चों को कैंप तक लाने और वापस पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था करेंगे। पत्र में निर्देश दिया गया है कि मेडिकल बोर्ड का गठन करते हुए जिले के प्रत्येक प्रखंड में शिविर का आयोजन किया जाए तथा दिव्यांग बच्चों को चिकित्सीय प्रमाणीकरण कराया जाए दिव्यांग का प्रमाण पत्र के साथ यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड भी जारी किया जाए। कुछ आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों का भी प्रमाण पत्र और यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड बनाने को प्राथमिकता दी जाए। बौद्धिक अक्षमता विशिष्ट अधिगम, दिव्यांगता एवं ऑटिज्म का भी प्रमाण पत्र और यूडीआईडी बनाने का विशेष ख्याल रखा जायेगा ।

