पूर्णियाँ विवि का कुल-गीत रचकर डॉ. सजल प्रसाद ने बढ़ाया जिले का मान,मारवाड़ी कॉलेज में हुआ डॉ. सजल प्रसाद का सम्मान

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किशनगंज /प्रतिनिधि


मारवाड़ी कॉलेज परिवार ने अपने एसोसिएट प्रोफेसर व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सजल प्रसाद द्वारा रचित व संगीतबद्ध गीत को पूर्णियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ के सीनेट द्वारा विश्वविद्यालय के ‘कुल-गीत’ के रूप में अंगीकार किये जाने पर गुरुवार को डॉ. सजल प्रसाद का ससमारोह सम्मान किया।इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रो. उदय चन्द यादव व शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों व छात्रों ने डॉ सजल को शॉल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।प्रधानाचार्य प्रो. यू.सी.यादव ने विगत 07 मार्च की सीनेट बैठक की चर्चा करते हुए कहा कि कुलपति प्रोफेसर राज नाथ यादव ने जब सीनेट सदस्यों की सहमति से डॉ. सजल के गीत को प्रस्तुत कराया तो सभी सदस्य मंत्रमुग्ध होकर सुनते रहे और गीत समाप्त होने पर सर्वसम्मति से सदस्यों ने इसे विश्वविद्यालय के ‘कुल-गीत’ के रूप में अंगीकार कर लिया।


उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और इससे महाविद्यालय परिवार सहित किशनगंज जिला गौरवान्वित हुआ है। उन्होंने कहा कि सजल प्रसाद की पाँच किताबें प्रकाशित हुईं हैं और यह ‘कुल-गीत’ अब कालजयी रचना है।
शिक्षक संघ के सचिव व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. गुलरेज रोशन रहमान ने शायराना अंदाज़ में डॉ. प्रसाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने कॉलेज ही नहीं, अपितु किशनगंज व सीमांचल का मान बढ़ाया है।


खूबसूरती से मंच संचालन कर रहे ऊर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. क़सीम अख़्तर ने डॉ. प्रसाद की तारीफ में एक नज़्म पढ़ी और उसी नज़्म की मुद्रित प्रति फ्रेमिंग करके दी।
सम्मान समारोह को डॉ. देबाशीष डांगर, राजेश कुमार, डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ. श्रीकांत कर्मकार सहित अमन रज़ा, बिट्टू, विक्की आदि छात्रों ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कुमार साकेत, अवधेश कुमार, डॉ. एन के पोद्दार, प्रधान लिपिक प्रवीर कृष्ण सिन्हा, लेखापाल सत्येन्द्र सिंह, राजकुमार, गुंजन, कृष्णा झा, रवि, इमरान, अफ़ज़ल, बिरजू आदि मौजूद थे। अंत में सबों ने डॉ प्रसाद को फूल-मालाओं से लाद दिया।
















पूर्णियाँ विवि का कुल-गीत रचकर डॉ. सजल प्रसाद ने बढ़ाया जिले का मान,मारवाड़ी कॉलेज में हुआ डॉ. सजल प्रसाद का सम्मान

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