किशनगंज :कटाव निरोधी कार्य में अनियमितता का ग्रामीणों ने लगाया आरोप । बलिया डांगी गांव में महानन्दा से भीषण कटाव जारी

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किशनगंज/अब्दुल करीम

किशनगंज जिले का बलियाडांगी गांव सरकारी अधिकारियों के लिए हर साल आने वाली बाढ़ एक सौगात ले कर आती है ।एक  तरफ महानन्दा नदी की धार में तटबंध का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों को ये नदी बर्बाद कर दिया है तो दूसरी ओर हर वर्ष गांव में कटाव निरोधी कार्य के नाम अधिकारियों की चांदी कट रही है।खासकर बारिश आते ही महानन्दा नदी के रौद्र रूप से इलाके में भारी तबाही होती है। ग्रामीण घर द्वार छोड़कर सड़को में शरण ले लेते है ।

लेकिन सरकार और प्रशासन द्वारा आज तक ग्रामीणों के हित मे कोई ठोस कदम नही उठाये जाने से ग्रामीण नदी की विकराल रूप से बर्बाद हो चुके है।मालूम हो किकटाव रोकने के लिए हर साल सरकारी राशि का दुरुपयोग होता नजर आता है।कटाव रोकने के नाम पर हर वर्ष सम्बंधित विभाग के द्वारा लाखों रुपये का बिल तो बन जाता है,लेकिन धरातल पर लापरवाही देखी जा सकती है।नदी की कटाव को रोकने के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है।जिससे यहां के ग्रामीण बदहाली की जिंदगी जी रहा है।मालूम हो कि ग्रामीण कार्य विभाग (REO 1) इलाके में कटाव रोधी के नाम पर खानापूर्ति में जुटी हुई है ।

तस्वीरों में आप देख सकते है कि सीमेंट के बैग में राबिस यानी (ईटा का चूर्ण )को भरकर कटाव रोकने के लिए डाला जा रहा है, जिस राबिस को पानी की तेज धार अपने साथ बहा ले जा रही है।जबकि कटाव रोकने के लिए जियो बैग में बालू भर कर कटाव निरोधक कार्य करना चाहिए।

ग्रामीण इसका विरोध कर सरकारी तंत्र का लूट बता रहे हैं और कटाव रोकने के लिए स्थायी समाधान की मांग कर रहे है। मौके पर काम कर रहे मजदूर भी बता रहे है कि एक तरफ राबिस से भरा बैग डाला जा रहा है तो दूसरे तरफ नदी की तेज धारा राबिस को बहा ले जा रही है।सरकारी गाइड लाइन के विपरीत काम करा रहे मौके पर तैनात आर०ई० ओ० विभाग के अभियंता उमेश कुमार सिन्हा से पूछने पर उन्होंने बालू नही मिलने की बात कही और बहाना बनाकर पीछा छुड़ा लिया, लेकिन वो भी ये कहते हैं कि इसमें बालू भरे बैग देने चाहिए ।

किशनगंज :कटाव निरोधी कार्य में अनियमितता का ग्रामीणों ने लगाया आरोप । बलिया डांगी गांव में महानन्दा से भीषण कटाव जारी

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