देश/डेस्क
पेट्रोल डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से लोगों का गुस्सा केंद्र सरकार के खिलाफ भड़क रहा है । मालूम हो कि बीते 12 दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है ।आज भी पेट्रोल में 25 पैसे और डीजल के मूल्य में 35 पैसे की बढ़ोतरी हुई है । देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत ₹100 के पार पहुंच चुकी है । देशभर में बढ़ते दामों के बाद ना सिर्फ विपक्षी पार्टियां बल्कि आम आदमी भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने की मांग कर रहे है ।वही आज केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण दाम बढ़े हैं। कोरोना वायरस की वजह से मांग कम होने से आपूर्ति में भी कटौती हुई थी ।
उन्होंने कहा कि तेल की आपूर्ति करने वाले देशों ने वादा किया था कि हम जनवरी-फरवरी में आपूर्ति को पहले की स्थिति में ले आएंगे, उनके नहीं लाने के कारण ये स्थिति बनी है। एशिया के सारे देश उत्पादन बढ़ाने के लिए दबाव बना रहे हैं, हमें लगता है कि इससे कुछ फर्क आना चाहिए ।वहीं पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये जीएसटी काउंसिल का विषय है।उन्होने कहा कि पेट्रोलियम इंडस्ट्री की तरफ से हम पहले दिन से इसके लिए अनुरोध कर रहे हैं। धीरे-धीरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी की ओर ले जाना पड़ेगा ।
केंद्रीय मंत्री के बयान से यह साफ जाहिर होता है कि सरकार अभी मूल्य वृद्धि को कम करने के लिए कोई पहल नहीं करने वाली है ।ऐसे में अगर इसी तरह पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में जिन पांच राज्यो में विधान सभा चुनाव होने वाले है उसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ सकता है ।