आयुष्मान भारत योजना के 10 लाख लाभुकों का गोल्डन ई. कार्ड बनाने को लेकर कल से आयुष्मान पखवाड़ा
- 17 फ़रवरी से 03 मार्च तक जिले के सभी 126 पंचायतों में कार्यपालक सहायक के द्वारा लाभुकों का बनाया जाएगा गोल्डन ई. कार्ड
- जिले भर में निर्धारित लक्ष्य में से 73 हजार लाभुकों का बनाया जा चुका है गोल्डन ई. कार्ड
-आयुष्मान पखवाड़ा को लेकर दिया जा चुका है कार्यपालक सहायकों को प्रशिक्षण
किशनगंज /प्रतिनिधि
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जिले के कुल 10,46501 लाभुकों के निर्धारित लक्ष्य में से शेष बचे लाभुकों का गोल्डन ई. कार्ड बनाने के लिए 17 फरवरी से आयुष्मान पखवाड़ा की शुरुआत हो रही है। आगामी 3 मार्च चलने वाले आयुष्मान पखवाड़ा के दौरान जिले के सभी 126 पंचायतों में शिविर लगाकर कार्यपालक सहायक के द्वारा शेष बचे सभी लाभकों का गोल्डन ई. कार्ड बनाया जाएगा। मालूम हो कि जिले के वर्ष 2011 के जनगणना (SECC) के अनुसार कुल 2,17,430 परिवारों को गोल्डन कार्ड देने का लक्ष्य है| वर्तमान में कुल 73,788 परिवारों को गोल्डन ई. कार्ड बनाया जा चुका है।
सभी 126 पंचायतों में शेष बचे सभी लाभुकों का गोल्डन ई. कार्ड बनाया जाएगा-
आयुष्मान भारत के जिला आई.टी. प्रबंधक अजित कुमार ने बताया कि बुधवार 17 फ़रवरी से 3 मार्च तक आयोजित हो रहे आयुष्मान पखवाड़ा के दौरान पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित कर जिले के सभी 126 पंचायतों में कार्यपालक सहायक के द्वारा शेष बचे सभी लाभुकों का गोल्डन ई. कार्ड बनाया जाएगा। प्रखंड स्तर पर गोल्डन कार्ड बनाने और वितरण की देखरेख प्रखंड स्तर पर कार्यरत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, जीविका के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखंड विकास पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि करेंगे। बताया कि पंचायत स्तर पर लाभुकों को चिह्नित करने के लिए प्रखंड स्तर के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं आशा कार्यकर्ता और जीविका के अधिकारी और कर्मचारी को लाभुकों की सूची सौंप दी गई है। साथ हीं इस कार्य में आईसीडीएस की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका से भी लाभुकों को चिह्नित करते हुए गोल्डन कार्ड बनवाने और वितरण करने में सहयोग की अपील की गई है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के सभी सरकारी और एक दो सूचीबद्ध निजी अस्पताल अस्पतालों में उपलब्ध है इलाज की सुविधा :
आयुष्मान भारत के जिला आई.टी. प्रबंधक अजित कुमार ने बताया ने बताया कि इस योजना के तहत सन 2011 के आर्थिक- सामाजिक जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति- जनजाति परिवार, किसी परिवार के दिव्यांग सदस्य जिसका देखभाल करने वाला कोई नहीं हो, जिसके घरों की कि दीवारें कच्ची हो, जो भूमिहीन परिवार हो या फिर ऐसा परिवार जिसमें कोई वयस्क पुरुष सदस्य नहीं हो ऐसे सभी परिवार के लिए प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक की इलाज की कि सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों और दो एक सूचीबद्ध निजी अस्पताल में उपलब्ध है। उंन्होने बताया कि जिले सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक अस्पताल और सदर अस्पताल के साथ माता गुजरी मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए पत्र से किया जाएगा लाभुक को चिह्नित चिन्हित :
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि पंचायत स्तर पर प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से सम्बंधित भेजे गए पत्र तथा पुराने राशन कार्ड जिस पर 24 डिजिट का एक स्पेशल नंबर छपा हो के आधार पर लाभुक को चिह्नित किया जाएगा।
आयुष्मान भारत गोल्डन ई. कार्ड बनाने को ले लाभकों को किया जा रहा है जागरूक :
उन्होंने उंन्होने बताया कि आयुष्मान भारत गोल्डन ई.कार्ड बनाने को ले लाभुकों को जागरूक करने के लिए ई. रिक्शा जागरूकता रथ के माध्यम से माइकिंग की किया जा रही हा है। यह जागरुकता रथ जिले के सभी 126 पंचायतों में घूम-घूमकर माइकिंग के जरिये गोल्डन कार्ड बनाने को ले लोगों को जागरूक करेगी ताकि गोल्डन कार्ड बनाने के लक्ष्य को शत प्रतिशत प्राप्त किया जा सके।
मोबाइल व आधार नंबर के साथ राशन कार्ड जरूरीः
आयुष्मान भारत के जिला आई.टी. प्रबंधक अजित कुमार ने बताया एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान 103 पंचायती राज कार्यपालक सहायकों को ट्रेनिंग दी गयी है.| आयुष्मान पखवाड़े पखवारे के दौरान पात्र लाभार्थी परिवार के सदस्यों को मुखिया, आशा व जीविका दीदी के माध्यम से जागरूक मोबिलाइज किया जायेगा.| लाभुकों को व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड व पारिवारिक सदस्यता सत्यापन के लिए राशन कार्ड का हाउसहोल्ड इंडेक्स नंबर उपलब्ध कराने या प्रधानमंत्री दवारा प्रेषित पत्र मुहैया कराने की जानकारी देते हुए कार्ड बनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा.| इसके साथ ही परिवार के किसी एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराना जरूरी है.| उन्होंने बताया आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड निःशुल्क बनाया जायेगा.| आरटीपीएस पटल पर यह काम कराया जा सकता है.| शिविर के दौरान निर्गत ई कार्ड का वितरण आरटीपीएस पटल के माध्यम से किया जाना है.| लाभार्थी टॉल फ्री नंबर 14555/ 104 पर अपनी पात्रता जानने के लिए कॉल कर सकते हैं.| पखवाड़े के दौरान लाभार्थी का सत्यापन (वेरिफिकेशन) भी किया जायेगा.| साथ ही इन सभी कामों के दौरान कोविड 19 से सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया गया है| इस गोल्डन कार्ड की मदद से पांच लाख रुरूपये तक का इलाज सरकारी या सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में निःशुल्क कराया जा सकता है।