राजेश दुबे
ग्रेटा थनबर्ग की टूल किट के बाद अब खालिस्तान समर्थक धालीवाल का वीडियो हुआ वायरल
ग्रेटा ने जिस टूल किट को शेयर किया था उसे धालीवाल ने बनाया था ।
न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक रेहाना और ग्रेटा को ट्वीट करने के लिए मिले करोड़ों रुपए ।
जारी साजिश के खिलाफ पूरे देश को एकजुट होने की जरूरत
न्यूज़ लेमन चूस पहले दिन से ही आंदोलन को बता रहा है साजिश ,अब धीरे धीरे हो रहा है खुलासा
स्वीडिश की तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की ‘टूलकिट’ सामने आने के बाद कई खुलासे हुए है ।जानकारी के मुताबिक उक्त टूल किट को खालिस्तानी संस्था पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाया गया है । मालूम हो कि तीन दिन पहले टूल किट सामने आया था जिसमें दिल्ली में जारी किसान आंदोलन में कब क्या करना है उसकी पूरी सामग्री थी ,यही नहीं 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा का भी पूरा रोड मैप उस टूल किट में था। जिसे ग्रेटा ने कुछ ही देर में डिलीट कर दिया उसके बाद उसने पुनः एक टूल किट साझा किया जिसमें 13 और 14 फरवरी के कार्यक्रमों की जानकारी दी गई है।
टूल किट सामने आने के बाद ही सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे और इसमें खालिस्तानी साजिश की भूमिका देखी जा रही थी ।लेकिन अब इसपर मुहर लग चुकी है कि ग्रेटा हो या फिर मिया खलीफा या रेहाना सहित अन्य विदेशी सेलिब्रिटी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के हाथो की कठपुतली है और इस फाउंडेशन के द्वारा इन्हें सोशल मीडिया पर किसानों के समर्थन में ट्वीट करने के लिए रुपए दिए गए है ।

न्यूज़ लेमनचूस द्वारा ग्रेटा द्वारा जारी टूल किट का गहन अध्ययन करने के बाद यह जानकारी मिली है कि ग्रेटा ने जो #Askindiaway hastage अपने tulkit में लिखा था दरअसल वो सिर्फ हैशटैग नहीं है बल्कि वो एक वेबसाइट है । इस वेबसाइट को खालिस्तान समर्थक मो .धालीवाल चलता है और ये धालीवाल कनाडा का निवासी है । जांच एजेंसियों के अनुसार, वह किसान आंदोलन के बहाने भारत में अलगाववादी खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देना चाहता है। उसकी संस्था ने ‘टूलकिट’ में भारत विरोधी भावनाओ को भड़काने का पूरा प्लान तैयार किया था ।अब उसी तरह धालीवाल का एक वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ।उक्त वीडियो में धालीवाल आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने की बात कर रहा है, साथ ही अलगाववादी आंदोलन के लिए भी।
धालीवाल का यह वायरल वीडियो भारतीय दूतावास के बाहर 26 जनवरी को शूट किया गया है ऐसा बताया जा रहा है। न्यूज़ लेमन चूस इस वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इसमें धालीवाल कह रहा है, “अगर कल को कृषि कानून वापस ले लिए जाते हैं तो वह जीत नहीं। यह लड़ाई कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के साथ शुरू होगी, यह वहां खत्म नहीं होगी। किसी को यह बताने मत दीजिए कि ये लड़ाई कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ खत्म हो जाएगी। धालीवाल का कहना है कि ऐसा इसलिए क्योंकि वे इस आंदोलन की ऊर्जा खत्म करना चाहते हैं। वे आपको बताना चाहते हैं कि आप पंजाब से अलग हो और आप खालिस्तान आंदोलन से अलग हो, आप नहीं हो।”
किसान आंदोलन के पीछे की साजिश हर दिन बेनकाब हो रही है उसके बावजूद भी भारत की विपक्षी पार्टियां आगामी पंजाब ,उत्तर प्रदेश ,बंगाल , आसाम चुनाव में इससे फायदा उठाने की कोशिश में जुटी हुई है ताकि इसका लाभ इन राज्यो में होने वाले चुनाव में मिल सके जो कि चिंता का विषय है ।देश विरोधी ताकतें जिस तरह से भारत को बदनाम करने में जुटी हुई है ऐसे में जरूरत है सभी राजनैतिक दलों को विरोध छोड़ कर एक मंच पर आने की ताकि देश विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जबाव दिया जा सके ।