राजेश दुबे
72 दिनों से जारी आंदोलन का नहीं निकला है अभी तक कोई समाधान ।प्रदर्शन स्थल पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जारी है आंदोलन
विदेशी साजिश के बीच अमरीका ने नए कृषि कानूनों का किया है समर्थन
किसान आंदोलन की आड़ में चल रहे विदेशी साजिश पर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे है। मालूम हो कि किसान आंदोलन के शुरू होने के बाद से ही आंदोलन को खालिस्तान प्रायोजित बताया जा रहा था, जिसपर अब पूरी तरह मुहर लग चुकी है ।एक तरफ देश की विपक्षी पार्टियों के लिए प्रदर्शन स्थल राजनीति चमकाने का अखाड़ा बना हुआ है वहीं इसमें अब कई विदेशी दलाल भी दिलचस्पी लेने लगे है ।
भारत सरकार को बदनाम करने के लिए किसान आंदोलन की आड़ में अंतर राष्ट्रीय साजिश किए जा रहे है ।बता दे कि बुधवार को पॉप स्टार रिहाना एवं मिया खलीफा के द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया पर ट्वीट किया गया । वहीं देर शाम विदेशी एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट कर पूरे आंदोलन की रूप रेखा की एक पुरानी कॉपी साझा की गई , जिसमें ग्रेटा ने किसान आंदोलन को लेकर समर्थकों से गणतंत्र दिवस के दिन सोशल मीडिया सहित विदेशो में स्थित भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन करने की बात कही थी ।
हालाकि कुछ देर बाद ही उक्त लेटर को ग्रेटा ने डिलीट कर दिया ।लेकिन आज पुनः ग्रेटा थनबर्ग ने 13/14 फरवरी को आंदोलन के समर्थन में नया लेटर जारी किया है ।जिसमें ग्रेटा ने कहा है कि भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन करे, साथ ही किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर मुहिम चलाने की अपील कि गई है ।यही नहीं ग्रेटा ने भारत सरकार को बदनाम करने के लिए यहां तक लिखा है कि भारत में मानवाधिकारों के हनन का पुराना इतिहास रहा है ।

बता दे कि बुधवार को विदेशियों द्वारा इस आंदोलन में दिलचस्पी लिए जाने के बाद विदेश मंत्री एस जय शंकर ने कड़ा संदेश दिया था और कहा था कि भारत के अंदरूनी मामलों में किसी को भी दखल देने की इजाजत नहीं है। श्री जय शंकर के बयान के बाद ना सिर्फ फिल्मी दुनिया की बड़ी हस्तियों एवं खिलाड़ियों ,सामाजिक कार्यकर्ताओ ने सामने आकर उनके बयान का समर्थन किया ,बल्कि ट्वीट कर प्रोपेगेंडा फैलाने वाले विदेशियों को करारा जबाव भी दिया था ।
गौरतलब हो कि 6 फरवरी को किसान संगठनों द्वारा राष्ट्रव्यापी चक्का जाम की घोषणाा की गई है और अब इस विदेशी महिला द्वारा 13/14 फरवरी को नए प्रोटेस्ट का लेटर जारी किया गया है ताकि आंदोलन को और हवा दिया जा सके एवं भारत कि छवि को धूमिल किया जा सके ।ऐसे में जरूरत है कि केंद्र सरकार इन विदेशी दलालों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए ताकि भारत को बदनाम करने की साजिश दुबारा कोई न कर सके ।