टेढ़ागाछ(किशनगंज) /विजय कुमार साह
सुहिया घाट स्थित रेतुआ नदी में स्थानीय लोग सात दशक से पुल की मांग कर रहे हैं,लेकिन अभी भी चचरी पुल यहाँ के लोगों का आगमन का सहारा है।यहां के लोगों के लिए नाव व चचरी पुल ही आवागमन का सहारा है।सुहिया घाट में बने चचरी पुल से रोजमर्रा के कामकाजी राहगीरों का आना जाना लगा रहता है।ज्ञात हो कि सुहिया घाट होकर सैकड़ों लोग रोज साईकिल,मोटर साइकिल सवारी व पैदल यात्रा करने वाले राहगीर जान हथेली पर रखकर आवागमन कर रहें हैं। आजादी के 73 साल बाद भी अबतक यहाँ पुल निर्माण नहीं हुआ।

अबतक के विधानसभा, लोकसभा चुनाव में यहाँ आये प्रत्याशियों से पुल की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जाती रही है।फिर भी यहाँ के लोगों के लिए आवागमन की समस्या बरकरार है।इस ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन की समस्या की सुधि लेने वाला कोई नहीं है।गौरतलब है कि इस घाट होकर कालियागंज,पलासी, बहादुरगंज,टेढ़ागाछ सहित आस पास के दर्जनों गाँव के लोगों का आवागमन रोज होता है।स्थानीय लोगों ने सुहिया घाट में आरसीसी पुल निर्माण करने की मांग प्रशासन से की है।ग्रामीणों का कहना है कि वो खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं क्योंकि नेता चुनाव के समय पुल बनाने का वादा करते है लेकिन उसके बाद हमारी मांग को भुला दिया जाता है ।