देश/डेस्क
गुजरात के कच्छ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीसेलिनेशन प्लांट और हाइब्रिड रिन्यूेबल एनर्जी पार्क की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे। साथ ही पीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सरहद डेरी के पूरी तरह स्वचालित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र और पैकिंग संयंत्र की भी आधारशिला रखी है।
पीएम ने इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कच्छ ने न्यू एज टेक्नोलॉजी और न्यू एज इकोनॉमी, दोनों ही दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया है। चाहे वो खावड़ा का नवीकरणीय ऊर्जा पार्क हो, मांडवी का डिसलाइनेशन प्लांट और अंजार में सरहद डेहरी ऑटोमैटिक प्लांट का शिलान्यास, तीनों ही कच्छ की विकास यात्रा में नए आयाम लिखेंगे ।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और उन पर किसानों को भ्रमित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा, ”आज कल दिल्ली के आसपास किसानों को भ्रमित करने की बड़ी साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि हाल में हुए कृषि सुधारों की मांग वर्षो से की जा रही थी और अनेक किसान संगठन भी यह मांग करते थे कि किसानों को अनाज को कहीं पर भी बेचने का विकल्प दिया जाए। उन्होंने कहा, ”आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वह भी अपनी सरकार के समय इन कृषि सुधारों के समर्थन में थे। लेकिन अपनी सरकार के रहते वे निर्णय नहीं ले पाए। किसानों को झूठे दिलासे देते रहे।”
उन्होंने कहा, ”मैं अपने किसान भाइयों बहनों को बार-बार दोहराता हूं। उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है। किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है। खेती में किसानों का खर्च कम हो, उनकी आय बढ़े और मुश्किलें कम हों, इसके लिए हमने निरंतर काम किया है।”
श्री मोदी ने कहा कि आज कच्छ देश के सबसे तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में से एक है। यहां की कनेक्टिविटी दिनों दिन बेहतर होती जा रही है ।पीएम ने कहा कि खावड़ा रिन्यूबल एनर्जी पार्क में सौर व पवन ऊर्जा से करीब 30,000 मोगावाट उत्पन्न करने की क्षमता होगी। इस पार्क में करीब डेढ़ लाख करोड़ रु. का निवेश होगा। रेगिस्तान की कितनी बड़ी भूमि का सदुपयोग होगा, सीमा के साथ पवन चक्कियां लगने से सीमा सुरक्षित भी और अधिक बेहतर भी होंगी ।
प्रधान मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से किसानों और उद्योगों दोनों को बहुत लाभ होगा। सबसे बड़ी बात इससे प्रदूषण कम होगा। इस पार्क में जो बिजली बनेगी वो हर साल 5 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने में मदद करेगी ।साथ ही कहा करीब -करीब 9 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा। ये एनर्जी पार्क भारत में प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में बहुत बड़ा योगदान देगा। इससे करीब एक लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे ।