राजेश दुबे
बिहार में चुनाव करीब आते ही दल बदल का खेल शुरु हो गया है । कल तक जो एक साथ थे और एक दूसरे का गुणगान करते नहीं थकते थे । वहीं आज रास्ता बदलने के बाद आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू कर चुके है । बता दे बिहार सरकार के पूर्व उद्योग मंत्री श्याम रजक ने आज राजद का दामन थाम लिया है ।श्याम रजक 11 वर्षों तक जदयू में रहे उससे पूर्व श्री रजक राजद में ही थे ।
श्याम रजक को 11 साल बाद अब लालू प्रसाद यादव फिर पसंद आने लगे है और लालू प्रसाद यादव को अब वो पूर्व की तरह दलितों का मसीहा मानने लगे है और नीतीश कुमार में उन्हें विनाशकारी चेहरा दिखने लगा है ।दूसरी तरफ श्याम रजक ने जदयू का साथ छोड़ा तो राजद के 3 विधायक ने लालटेन छोड़ कर तीर संभाल लिया है ।

विधायक प्रेमा चौधरी, महेश्वर यादव और अशोक कुशवाहा को पार्टी से राजद ने निष्कासित कर दिया तो ये तीनों विधायक जदयू कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर राजद को श्याम रजक का जवाव दे दिया ।
राजनैतिक विश्लेषकों की माने तो टूट का यह सिलसिला अगले एक दो महीने चलेगा और बीजेपी भी इससे बचने वाली नहीं है और ना ही कांग्रेस और एलजीपी सभी पार्टियों में टूट कि आशंका अभी से जताई जा रही है ।नेताओ को किस पार्टी में कब अपना मसीहा नजर आने लगेगा यह कोई नहीं जानता साथ ही किस दल का दिल किससे मिल जाए यह भी कहना मुश्किल है ।