स्पेशल स्टोरी :नेपाल एवं भारत की हजारों बहने नहीं बांध पाएंगी भाइयों को राखी।

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नेपाल बॉर्डर से विजय कुमार साह की ख़ास रिपोर्ट।

भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण हजारों बहने नहीं बांध पाएंगी भाइयों को राखी नेपाल की मधेशी आबादी के ज्यादातर रिश्ते भारत नेपाल में हुए हैं। इस बार बॉर्डर सील होने के कारण दोनों देशों की बहने अपने -अपने भाइयों को राखी नहीं बांध पाएंगी।

वही खनियाबाद पंचायत पूर्व मुखिया एवं भाजपा के जिला महामंत्री लखन लाल पंडित का कहना है कि लॉकडाउन के बाद दोनों देशों की सरकारें बॉर्डर को सील कर दी है।

लेकिन रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर कम से कम 1 दिन के लिए दोनों देशों की बॉर्डर खोल देनी चाहिए ताकि दोनों देशों में रहने वाले भाई बहन रक्षाबंधन पर्व को मना सकें। भारत और नेपाल के बीच रोटी – बेटी के संबंध है।

रक्षाबंधन जैसे पर्व से दोनों देशों की संस्कृति व संबंधों को मजबूती मिलती है । आजादी के बाद पहली बार है। कि रक्षाबंधन पर्व पर भारत नेपाल सीमा बंदिशों में जकड़ा है।

कोरोना महामारी ने आना जाना तो दूर राखी बांधने तक के लिए कोई सुविधा नहीं बहाल होने दी है। तराई क्षेत्र के मधेशीयो के ज़्यादातर रिश्ते भारतीय क्षेत्र में है।

स्पेशल स्टोरी :नेपाल एवं भारत की हजारों बहने नहीं बांध पाएंगी भाइयों को राखी।

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