रात में सोते समय जरूर करें मच्छरदानी प्रयोग
घर के आसपास साफ सफाई का रखें खयाल,पानी को नहीं जमने दें
किशनगंज :गर्मी के मौसम में कीट, पतंगों के साथ मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है। शुरुआती गर्मी में मच्छरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे मौसम में मच्छर जनित रोगों का खतरा बना रहता है। जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि हल्के गर्मी के मौसम में डेंगू फैलने का खतरा रहता है। डेंगू के मच्छर ऐसे मौसम में ही पनपते हैं। डेंगू एक वायरल रोग है जो संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। अकेला एक संक्रमित मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू रोग से ग्रसित कर सकता है। इसलिए अभी के मौसम में सावधान रहने की जरूरत है। इन रोगों से बचने के लिए घर के आसपास साफ सफाई का ध्यान रखें। जलजमाव नहीं होने दें और मच्छरदानी लगाकर जरूर सोएं।
डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू या वायरल बुखार से मिलते जुलते हैं।
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि भारत में हर साल डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही और इनमें से कुछ की तो मृत्यु तक हो जाती है। डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला यह बुखार कभी-कभी घातक भी सिद्ध होता है। इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं। हालांकि यदि इसकी समय पर पहचान कर ली जाए तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है। इसलिए निम्न लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान कर ली जानी चाहिए और सही पहचान के लिए ब्लड टेस्ट करवा लेना चाहिए ।
समय पर इलाज नहीं होने पर यह खतरनाक हो सकता है-
किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ के के कश्यप ने बताया कि अभी अगले कुछ दिनों तक लोगों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। तेज बुखार हो या फिर सिर में दर्द तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाएं। डॉक्टर अगर डेंगू टेस्ट की सलाह देते हैं तो उसे नजरअंदाज नहीं करें। तत्काल जांच करा लें और अगर जांच में डेंगू की पुष्टि होती है तो डॉक्टर के मुताबिक दवा का सेवन करें। मरीज की स्थिति गम्भीर होने पर प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होते हुए नाक, कान, मुंह या अन्य अंगों से रक्तस्राव शुरू हो जाता है। रक्तचाप काफी कम हो जाता है। समय पर इलाज नहीं होने पर यह खतरनाक हो सकता है।
सदर अस्पताल में है डेंगू वार्ड की व्यवस्था –
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर आलम कहते हैं कि डेंगू के इलाज को लेकर सदर अस्पताल में वार्ड की व्यवस्था है। डेंगू के कंफर्म मरीजों के इलाज के लिए यहां पर पूरी व्यवस्था है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण दिखे तो वह सदर अस्पताल में आकर डॉक्टर को दिखाएं। जांच में अगर डेंगू की पुष्टि हो जाती है तो उन्हें भर्ती कर यहां पर इलाज किया जाएगा।
ये हैं डेंगू के लक्षण:
तेज बुखार,मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द,सिर दर्द,आखों के पीछे दर्द,
जी मिचलाना,उल्टी,दस्त ,
त्वचा पर लाल रंग के दाने
डेंगू से बचाव के लिए जरूरी:
घर में एवं घर के आसपास पानी एकत्र नहीं होने दें। साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें। यदि घर में बर्तनों आदि में पानी भर कर रखना है तो ढककर रखें, कूलर, गमले आदि का पानी रोज बदलते रहें।
ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें
मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग मच्छरों से बचाव के लिए करें।