किशनगंज /गलगलिया/दिलशाद
भारतीयसंस्कृति में तीज त्यौहार और पर्व की परंपराओं को महिलाएं आज भी पीढ़ी दर पीढ़ी जीवित रखे हैं। इन्हीं में से एक पर्व करवा चौथ व्रत बुधवार को गलगलिया सहित अन्य आसपास के क्षेत्रों के घर-घर में सुहागिन महिलाओं ने विघ्न विनाशक गजानन और शक्तिरूपा सौभाग्यदायिनी चौथ माता की पूजा कर हर्षोल्लास साथ मनाया। सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखा और पतियों की लंबी आयु के लिए कामना की।
रात्रि करीब 8:00 बजे चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति की दीर्घायु होने की कामना करते हुए सुहागिन महिलाओं ने अपना व्रत उपवास खोला। पर्व को लेकर रविवार सुबह से ही मुख्य बाजारों में पूजन सामग्री, फूल , माला की बिक्री शुरू हो गई थी। कॉस्मेटिक, फल व मिठाइयों की दुकानों पर खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ लगी हुई थी।
महिलाओं ने सोलह शृंगार कर हाथों में मेहंदी भी रचाई। दिन भर निर्जल व्रत रखकर महिलाओं ने शाम को करवा चौथ माता की पूजा कर करवाचौथ की कथा सुनकर विधिविधान पूर्वक पूजन संपन्न किया।
वहीं पहली बार करवाचौथ मनाने वाली नवविवाहित सुहागिन महिलाओं के यहां इस पर्व को उत्सव के रूप में मनाया गया। दिन भर भूखे और प्यासी रहने के बाद शाम को सुहागिनों में चांद के दर्शन का इंतजार और बढ़ गया। रात्रि करीब 8:00 बजे चांद निकला तो सुहागिनों ने चंद्रमा को अर्घ्य दिया, फिर छलनी में अपने पति को देखकर उनके हाथों से जल पीकर अपना व्रत खोला। सभी पतियों द्वारा अपने पत्नियों की व्रत खुलवाने के बाद उन्हें उपहार भी दिया गया।