जैन धर्मवलंबियो के द्वारा निष्ठा पूर्वक मनाया जा रहा है संवत्सरी पर्व,’मिच्छामी दुक्कड़म’ बोल कर एक दूसरे से मांगी क्षमा

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किशनगंज /प्रतिनिधि

संवत्सरी पर्व पर जैन धर्मावलंबी जाने-अनजाने हुई गलतियों के लिए एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं।प्राप्त जानकारी के मुताबिक क्षमा, अहिंसा और मैत्री का पर्व है संवत्सरी। गौरतलब है कि जैन धर्म के श्वेतांबर पंथ में पर्युषण पर्व संपन्न हुए हैं और क्षमावाणी दिवस मनाया जा रहा है। उसी क्रम में आज किशनगंज जिले में भी जैन समाज के द्वारा पूरी निष्ठा के साथ पर्व मनाया जा रहा है।

इस दिन जैन समाज के लोग अपनी दुकान प्रतिष्ठानों को बंद रखते है । युवा व्यवसाई सुनील दफ्तरी ने बताया की  पर्युषण पर्व के अंतिम दिन क्षमावाणी दिवस पर सभी एक-दूसरे से ‘मिच्छामी दुक्कड़म’ कहकर क्षमा मांगते हैं, साथ ही यह भी कहा जाता है कि मैंने मन, वचन, काया से जाने-अनजाने आपका दिल दुखाया हो तो मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा मांगता हूं।


 गौरतलब हो की जैन धर्म के अनुसार ‘मिच्छामी’ का भाव क्षमा करने और ‘दुक्कड़म’ का अर्थ गलतियों से है अर्थात मेरे द्वारा जाने-अनजाने में की गईं गलतियों के लिए मुझे क्षमा कीजिए। इस दौरान लोग पूजा-अर्चना, आरती, समागम, त्याग-तपस्या, उपवास आदि में अधिक से अधिक समय व्यतीत करते हैं। 

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जैन धर्मवलंबियो के द्वारा निष्ठा पूर्वक मनाया जा रहा है संवत्सरी पर्व,’मिच्छामी दुक्कड़म’ बोल कर एक दूसरे से मांगी क्षमा

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