डेस्क:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम श्री योजना’ के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त जारी की।मालूम हो की 6207 स्कूलों को 630 करोड़ रूपए की राशि हस्तांतरित की गई है। इस मौके पर दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा की जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं, तो वो अपना समय लेते हैं।3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी, तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था।लेकिन आप सभी ने नेप-2020 को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया, वो वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है।मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्राथमिकता है कि भारत के हर युवा को समान शिक्षा मिले, शिक्षा के समान अवसर मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को समान शिक्षा का महत्व समझाते हुए कहा की
समान शिक्षा का मतलब है – शिक्षा के साथ-साथ संसाधनों तक समान पहुंच।हर बच्चे की समझ और चॉइस के हिसाब से उसे विकल्पों का मिलना।
स्थान, वर्ग, क्षेत्र के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें।आज दुनिया जानती है कि-जब सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी की बात आएगी, तो भविष्य भारत का है।
जब स्पेस टेक की बात होगी तो भारत की क्षमता का मुकाबला आसान नहीं है।जब डिफेंस टेक्नोलॉजी की बात होगी तो भारत का लो-कॉस्ट और बेस्ट क्वालिटी का मॉडल ही हिट होगा।
पीएम मोदी ने कहा की समर्थ युवाओं का निर्माण सशक्त राष्ट्र के निर्माण की सबसे बड़ी गारंटी होती है।उन्होंने कहा की इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों को खुली उड़ान का मौका देना होगा।हमें भविष्य पर नजर रखनी होगी, futuristic mindset के साथ सोचना होगा।