2843 तक के लिए प्रतिमा की हो चुकी है बुकिंग
केंद्रीय गृहमंत्री टेक चुके हैं मत्था
किशनगंज / अनिर्बान दास
किशनगंज शहर के लाइन स्थित प्रसिद्ध बूढ़ी काली मंदिर का इतिहास 118 वर्ष पुराना है।यहां वर्ष 1902 से ही मां काली की पूजा की जाती है। शुरुआत में यहां टाटी के मंदिर में मां काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू की गई थी। उस समय प्रतिमा को पूजा के एक दिन बाद नदी में विसर्जित कर दिया जाता था। धीरे-धीरे समाज के लोगों के सहयोग से मंदिर में टीन का छत दिया गया। धीरे धीरे समाज के लोग आगे आये और पक्के के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया। अब यहां भव्य मंदिर बन कर तैयार है। मंदिर का निर्माण भी देखने लायक है।

पूजा कमिटी के अध्यक्ष प्रसुन कुमार सिन्हा ने बताया कि मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की माता के मंदिर में पूरी आस्था है। इस मंदिर से जुड़ी आस्था का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त मंदिर में हर वर्ष प्रतिमा देते हैं। अभी वर्ष 2043 तक प्रतिमा बुक है। प्रतिमा एक वर्ष तक रहती है। वही इस माह केन्दीय गृह मंत्री अमित साह ने भी मां काली की पूजा की थी।जिसकी चर्चा देश भर में हुई थी।पूजा कमिटी के अमित दास, मनोज मजूमदार व राजा दत्ता ने बताया कि मंदिर में एक ही वंशज के द्वारा पुरोहित का कार्य किया जाता है। पूर्व में यहां स्वर्गीय तुलसी मुखर्जी के द्वारा मां काली की पूजा की जाती थी अब यहां इनके पुत्र मलय मुखर्जी के द्वारा माता की पूजा की जाती है मंदिर में एक ही वंशज के द्वारा प्रतिमा का भी निर्माण किया जाता है। पूर्व में निताई पाल के द्वारा प्रतिमा का निर्माण किया जाता था अब इनके पुत्र निमाई पाल के द्वारा प्रतिमा का निर्माण किया जाता है। यहां बलि का भी रिवाज पूर्व से ही चले आ रहा है। यहां हर माह अमावश्या पूजा भी आयोजित की जाती है। शनिवार और मंगलवार को विशेष पूजा आयोजित की जाती है।
यहां किशनगंज जिले के अलावा सीमावर्ती जिलों व बंगाल से भी भक्त माता मां काली की दर्शन के लिए आते है। यहां मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती है।एक बार जो माता के दरबार मे हाजिरी लगाता है वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता है।काली पूजा में यहां भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है। यहां मां काली के ठीक बगल में भगवान शिव का मंदिर है। बगल में शारदे मां का मंदिर है।
मंदिर परिसर में ही विशाल पीपल का वृक्ष है। जहां भगवान बजरंगबली का मंदिर है। पीपल का पेड़ भी काफी पुराना है। इस बार भी पूजा कमिटी के द्वारा भव्य तरीके से पूजा आयोजित की जाएगी। इस बार भी नई पूजा समिति का गठन किया गया है।जिसमे नवोजित मित्रा, अनिर्बान दास, सुदीप्ता दास, सुमित गुप्ता,तमाल घोष,कुणाल घोष,गौतम मजूमदार, निखिल पॉल,नोनी,सुभजित शेखर,अमित कुमार,कल्याण बोस, बिकी दास, राहुल सिन्हा, दीपंकर सिन्हा, दीपक कुमार,प्रसेनजित सरकार,कालु ,दीपंकर,देवराज,अंकु,हमटी एवं दर्ज़नो सदस्य हैं।