देश /राजेश दुबे
वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने तमाम रिकार्ड तोड़ दिए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी गई कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डालर का ‘उच्चतम’ वार्षिक एफडीआइ यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया गया है। गौरतलब हो कि साल 2020-21 में यह आमद 81.97 अरब अमेरिकी डालर थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है ।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा कहा गया कि भारत विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 76 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई है। एफडीआई इक्विटी प्रवाह साल 2020-21 के 12.09 अरब अमेरिकी डालर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 21.34 अरब अमेरिकी डालर रहा है।मंत्रालय द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि निवेश आकर्षित करने के लिए एफडीआई नीति को और अधिक उदार और सरल बनाने के लिए, कोयला खनन, अनुबंध निर्माण, डिजिटल मीडिया, एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, नागरिक उड्डयन, रक्षा, बीमा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में हाल ही में सुधार किए गए हैं।