संवाददाता/ किशनगंज
डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय (डीकेएसी), किशनगंज ने शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए ‘कार्यस्थल पर ध्यान के माध्यम से तनाव प्रबंधन’ पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित करके एक मील का पत्थर स्थापित किया। कार्यशाला का संचालन डॉ. के. सत्यनारायण (डीकेएसी के एसोसिएट डीन-सह-प्राचार्य), आकांक्षा गुप्ता (हार्टफुलनेस एनजीओ ट्रेनर, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल) और विनोद अग्रहरि (हार्टफुलनेस एनजीओ ट्रेनर, गुड़गांव, हरियाणा) के कुशल मार्गदर्शन में किया गया, और एनएसएस प्रभारी और सह-प्रभारी, डीकेएसी, डॉ. मुकुल कुमार और डॉ. लव कुमार की सुसंगत टीम वर्क ने किया।
कार्यशाला में, सबसे पहले, श्री अग्रहरि ने वीडियो की मदद से इस तेज-तर्रार पेशेवर दुनिया में कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने में हार्टफुलनेस एनजीओ के ध्यान और कार्यप्रणाली की भूमिका को समझाया। इस तरह की कार्यशाला स्वस्थ तनाव मुक्त और सहायक शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देने में डीकेएसी के समर्पण को फिर से साबित करती है।
आज का सत्र एक गतिशील और दिलचस्प प्रश्नोत्तर दौर के साथ समाप्त हुआ जहाँ उपस्थित लोगों ने ध्यान का कुशलतापूर्वक अभ्यास करने से संबंधित प्रश्न पूछे, जिसका उत्तर श्री अग्रहरि और श्रीमती आकांक्षा गुप्ता ने त्रुटिहीन रूप से दिया। ध्यान कार्यस्थल पर समय सीमा, मल्टी-टास्किंग और अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के कारण होने वाले तनाव का इलाज है।
अगर इस तनाव को दूर नहीं किया गया तो यह मानसिक और शारीरिक थकावट का कारण बन सकता है और इसके परिणामस्वरूप न केवल कार्य-जीवन में असंतुलन पैदा हो सकता है बल्कि पेशेवर उत्पादकता भी कम हो सकती है। इसलिए, एक सहभागी के रूप में मैंने स्वयं डॉ. आरती शर्मा (सह प्रभारी, एनएसएस इकाई, डीकेएसी) से सीखा कि हम सभी को अपने दैनिक जीवन में नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करना चाहिए ताकि जीवन थोड़ा अधिक शांतिपूर्ण और स्थिर हो सके।